Hindi, asked by amahant574, 2 months ago

bholaram ke jiv tatha namakaran par prakash daliye​

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Answered by ayushray202105002
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Answer:

हरिशंकर परसाई' ने अपनी रचना “भोलाराम का जीव” नामक कहानी में आज के शासन में व्याप्त भ्रष्टाचार तथा रिश्वतखोरी पर कटाक्ष और तीखा व्यंग किया है। चूँकि ये कहानी भोलाराम नाम के व्यक्ति के बारे में है, जिसकी मौत होने के बावजूद उसे चैन नही मिलता और उसका जीव भटकता रहता है, इसलिए इस कहानी का नाम भोलाराम का जीव रखा गया है।

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