Hindi, asked by komalkajal2005, 1 month ago

bhramargeet ke pad mai kon sa ras hai?​

Attachments:

Answers

Answered by s1700priyanshi37626
0

Answer:

करुण रस: इसका स्थायी भाव शोक होता है इस रस में किसी अपने का विनाश या अपने का वियोग, द्रव्यनाश एवं प्रेमी से सदैव विछुड़ जाने या दूर चले जाने से जो दुःख या वेदना उत्पन्न होती है उसे करुण रस कहते हैं। यधपि वियोग श्रंगार रस में भी दुःख का अनुभव होता है लेकिन वहाँ पर दूर जाने वाले से पुनः मिलन कि आशा बंधी रहती

वियोग श्रृंगार को विप्रलंभ श्रृंगार भी माना गया है। वियोग श्रृंगार की अवस्था वहां होती है , जहां नायक – नायिका पति-पत्नी का वियोग होता है। दोनों मिलन के लिए व्याकुल होते हैं , यह बिरह इतनी तीव्र होती है कि सबकुछ जलाकर भस्म करने को सदैव आतुर रहती है।

भगवान के प्रति रति प्रेम को भक्ति रस माना है। इसके आधार पर केवल भगवान से संबंधित प्रेम के ही महत्व को स्वीकार किया जाता है। भक्ति रस का स्थाई भाव विद्वानों के अनुसार रति/प्रेम है। कुछ आचार्यों ने भगवान के प्रति श्रद्धा तथा प्रेम के अतिरिक्त पूज्य तथा श्रद्धेय व्यक्ति को भी इसका आलंबन माना है।

संयोग श्रृंगार–संयोगकाल में नायक और नायिका की पारस्परिक रति को 'संयोग श्रृंगार' कहा जाता है। यहाँ संयोग का अर्थ है–सुख की प्राप्ति करना।

hope it will help you

Similar questions