Bhrantiman alankar ka example
Answers
Answered by
14
जब एक जैसे दिखाई देने के कारण एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाता है या समानता के कारण किसी दूसरी वस्तु का भ्रम होता है तब इसे भ्रांतिमान अलंकार कहते हैं
उदाहरण -नाक का मोती अधर की कान्ति से, बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से। देखकर सहसा हुआ शुक मौन है। सोचता है अन्य शुक यह कौन है?
उपरोक्त पंक्तियों में नाक में तोते का और दन्त पंक्ति में अनार के दाने का भ्रम हुआ है, इसीलिए यहाँ भ्रान्तिमान अलंकार है।
उदाहरण -नाक का मोती अधर की कान्ति से, बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से। देखकर सहसा हुआ शुक मौन है। सोचता है अन्य शुक यह कौन है?
उपरोक्त पंक्तियों में नाक में तोते का और दन्त पंक्ति में अनार के दाने का भ्रम हुआ है, इसीलिए यहाँ भ्रान्तिमान अलंकार है।
Answered by
11
भ्रांतिमान अलंकार
' भ्रांतिमान अलंकार ' अर्थात् जहां आशंका
हो, जहां भ्रम हो । अतः जिस भी पंक्ति /
वाक्य में , किसी दूसरे या अन्य चीज होने का
आशंका हो या भ्रम पैदा हो , वहां भ्रांतिमान
अलंकार मौजूद होता है ।
भ्रांतिमान अलंकार का उदाहरण :-
उसकी आंखे ठीक कंचे के भांति दिखाई दे रही
है ।
- प्रस्तुत पंक्ति में , आंख में कंचे का भ्रम या
आशंका पैदा हुआ है । अतः इस पंक्ति में,
भ्रांतिमान अलंकार प्रस्तुत है या मौजूद है ।
Similar questions