Hindi, asked by saurabhkrsharma7168, 1 year ago

Bhrantiman alankar ka example

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Answered by KritikaChaurasia7th
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जब एक जैसे दिखाई देने के कारण एक वस्तु को दूसरी वस्तु मान लिया जाता है या समानता के कारण किसी दूसरी वस्तु का भ्रम होता है तब इसे भ्रांतिमान अलंकार कहते हैं

उदाहरण -नाक का मोती अधर की कान्ति से, बीज दाड़िम का समझकर भ्रान्ति से। देखकर सहसा हुआ शुक मौन है। सोचता है अन्य शुक यह कौन है?

उपरोक्त पंक्तियों में नाक में तोते का और दन्त पंक्ति में अनार के दाने का भ्रम हुआ है, इसीलिए यहाँ भ्रान्तिमान अलंकार है।

Answered by Anonymous
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भ्रांतिमान अलंकार

' भ्रांतिमान अलंकार ' अर्थात् जहां आशंका

हो, जहां भ्रम हो । अतः जिस भी पंक्ति /

वाक्य में , किसी दूसरे या अन्य चीज होने का

आशंका हो या भ्रम पैदा हो , वहां भ्रांतिमान

अलंकार मौजूद होता है ।

भ्रांतिमान अलंकार का उदाहरण :-

उसकी आंखे ठीक कंचे के भांति दिखाई दे रही

है ।

- प्रस्तुत पंक्ति में , आंख में कंचे का भ्रम या

आशंका पैदा हुआ है । अतः इस पंक्ति में,

भ्रांतिमान अलंकार प्रस्तुत है या मौजूद है ।

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