Hindi, asked by abhay8953, 5 months ago

bhrashtachar ka danav - Paragraph Writing​

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Answered by apoorva341
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Answer:

भ्रष्टाचार का विष समाज की नाड़ियों में फैलता जा रहा है। इस स्थिति के लिए कोई एक व्यक्ति दोषी नहीं है अपितु वह व्यवस्था दोषी है, धन को मानवता से अधिक महत्व देती है। फलतः हर प्रकार की बेईमानी द्वारा धन की प्रवृति को बल मिला है। भ्रष्टाचार से मुक्ति पाने के लिए जनता व सरकार को मिलकर ही प्रयत्न करना होगा।

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