Hindi, asked by Mantu2685, 1 year ago

Bhrashtachar mitao, naya bharat banao.. please koi is topic par achha sa essay likh denga please..

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Answered by ashish367
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भारत को विकसित बनाने के लिए हमें पांच प्रमुख क्षेत्रों में पूरी ईमानदारी और निष्ठा से काम करने की जरूरत है। इनमें कृषि और खाद्य प्रसंस्करण, शिक्षा व स्वास्थ्य सुरक्षा, सूचना व संचार तकनीक, भरोसेमंद इलेक्ट्रॉनिक पॉवर, महत्वपूर्ण तकनीक में आत्मनिर्भरता। ये पांचों क्षेत्र एक-दूसरे से जुड़े तो हैं ही, एक-दूसरे पर प्रभाव भी डालते हैं। इसलिए इनमें बेहतर सामंजस्य होना चाहिए। यह देश की आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बहुत जरूरी है। इसके साथ ही हममें यह सकारात्मक सोच भी होनी चाहिए कि हम कुछ नया अविष्कार करके ही अपने देश में अच्छा बदलाव ला सकते हैं, क्योंकि विज्ञान और तकनीक से ही मानव कल्याण, शांति और खुशहाली आ सकती है। देश को पूर्ण साक्षर बनना ही होगा। जिस दिन पूरा देश शिक्षित होगा, सारी समस्याएं खुद ब खुद समाप्त हो जाएंगी। इसलिए शिक्षा के प्रसार में पूरी ईमानदारी से सभी शिक्षकों को जुटाने की आवश्यकता है, क्योंकि शिक्षक ही वह ताकत है, जिसका सही मार्गदर्शन न मिलने से किसी का बचपन गलत राह की तरफ भटक सकता है और जिस राष्ट्र का बचपन भटक जाए, उस राष्ट्र का भविष्य भी भटक जाता है। इसलिए शिक्षकों को अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा।

इसके अलावा हमें ‘क्या लें’ की जगह ‘क्या दें’ की विचारधारा को बढ़ावा देना होगा, तभी देश में संसाधन बढ़ेंगे और गरीबी, बेरोजगारी, आतंकवाद की समस्या मिट सकेगी। हम जीवन भर जिन वृक्षों की हवा लेकर जीवित रहते हैं, उन्हें ज्यादा से ज्यादा लगाकर हमें ऑक्सीजन का कर्ज लौटाना चाहिए। क्या दें की यह विचारधारा देश की तरक्की में अहम योगदान दे सकती है।

हमें हमेशा हर असंभव को संभव बनाने के लिए हिम्मत रखनी होगी। इतिहास गवाह है कि विज्ञान, चिकित्सा, खेल, कला, तकनीक आदि जिस भी क्षेत्र में लोगों ने पूरी ईमानदारी, मेहनत और दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ कोशिश की है, उसका नाम इतिहास के पन्नो में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है। रक्षा विज्ञान के क्षेत्र में डॉ़ डीएस कोठारी, स्पेस रिसर्च में डॉ़ विक्रम साराभाई, कृषि क्रांति के क्षेत्र में डॉ़ एमएस स्वामीनाथन, श्वेत क्रांति में डा़ वर्गीज कुरियन, स्टील निर्माण के क्षेत्र में जमशेदजी टाटा आदि वे हस्तियां हैं, जिन्होंने अपनी कल्पनाओं की सीमाओं को तोड़ते हुए इस संसार को बदल डाला।

मैं पिछले दस साल में एक करोड़ 20 लाख नौजवानों से मिला हूं। मैंने देखा कि हर युवा दिन रात मेहनत कर सबसे अलग दिखना और बनना चाहता है, लेकिन हमारा समाज ऐसी सोच रखने वाले नौजवानों को यह जताने की कोशिश करता है कि वे अलग नहीं हैं। इसलिए नौजवानो, तुम्हें सबसे मुश्किल लडाई लड़नी है और यह जंग जीतकर खुद को यूनिक साबित भी करना है। यूनिक बनने के लिए चार प्रमुख हथियारों का इस्तेमाल करना चाहिए- लक्ष्य ऊंचा रखना चाहिए, लगातार ज्ञान प्राप्त करते रहना चाहिए, कठोर परिश्रम के लिए तैयार रहना चाहिए और सफलता हासिल करने के लिए मुश्किल से मुश्किल बाधाओं का डटकर मुकाबला करना चाहिए। मेरे साथियो, हिम्मत न हारो, विजय प्राप्त करो। कोई भी नया काम करने से पहले उसे कागज या फिर कंप्यूटर में लिखकर लक्ष्य अवश्य निर्धारित करो।

हमारे देश में करीब 60 करोड़ नौजवान 25 वर्ष से कम उम्र के हैं। युवाओं की इतनी बड़ी जनशक्ति को देश की तरक्की के लिए नए-नए अविष्कार करने होंगे। इसलिए हमेशा उस रास्ते पर चलो, जिस पर आज से पहले कोई न चला हो, घनघोर जंगल, अंधकार को चीरते हुए नया रास्ता तलाशने में कुछ अधिक वक्त लग सकता है, लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि आपको छोटी ही सही, पर एकदम नई चीज मिलेगी; यही छोटी चीज एक दिन आपसे कोई बड़ी खोज करवाएगी। युवाओं में कभी न खत्म होने वाली तीव्र इच्छा और अपने काम से मोहब्बत होनी चाहिए। कभी मत सोचो कि लोग क्या कहेंगे, हमेशा सोचो कि आप क्या करोगे। 

हमारे देश के नौजवानों में दृढ़ इच्छा-शक्ति, हमेशा कुछ अलग कर गुजरने का जज्बा होना चाहिए और इसके साथ ही उन्हें शिक्षकों का उचित मार्गदर्शन भी मिलना चाहिए। तभी भारत एक विकसित और शक्तिशाली देश बन सकता है। हमारे युवकों को रेंगने की बजाय पक्षियों की तरह पंख फैलाकर खुले आसमान में उड़ने की आदत डालनी होगी। इसलिए किसी भी काम में दिक्कतों को कभी खुद पर हावी मत होने दो, बल्कि आप खुद दिक्कतों पर हावी हो जाओ, कभी असफलता नहीं मिलेगी।

वर्ष 2020 को आने में अभी 2 साल बचे हैं, तब तक भारत दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों में जरूर शुमार हो जाएगा। समय की मांग है कि हम गांवों की तरफ लौटें, लेकिन इसके लिए हमारी सरकारों को गांवों में वे तमाम मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी, जो आज बड़े-बड़े शहरों में हैं। गांवों और शहरों के बीच सुविधाओं की खाई को पाटना ही होगा। अगर ऐसा हुआ, तो वह दिन भी दूर नहीं रहेगा, जब दुनिया भर के देशों के लिए काम कर रहीं भारतीय प्रतिभाएं अपने वतन को लौटेंगी और भारत एक महाशक्तिशाली देश बन सकेगा।

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Answered by MavisRee
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जिसने हमने धरती पर पहला कदम रखा वो  हमारा भारत  देश  ही था और आज  भी  वही   देश है I  राजा भरत  के नाम पर    इसका नाम भारत  पड़ा I इसकी गौरव  गाथा ऐसी हैं की  आज भी शरीर को रोमांचित कर देती हैंI परन्तु बहुत ही दुःख की  बात है कि आज के लोगों ने भारत को वो भारत नहीं रहने दिया I

किसी  समय यहां इस धरती पर हज़ार लोगों ने जान दी Iआज ऐसी स्थिति है कि हर लोग एकदुसरे कि जान लेने पे लगे हैंIभारत ने 1947 में विदेशी बुराइयों से स्वतंत्रता हासिल की लेकिन भ्रष्टाचार जैसी बुराइयों से स्वतंत्रता नहीं मिली है | भ्रष्टाचार एक ऐसा दीमक है जो समाज, समुदाय और देश के गलत लोगों के मन में फैल गया है। भ्रष्टाचार अपने  आप में एक ऐसा शब्द लगता  है जैसे कितने   लोगों को निगल जाये

आये दिन लड़कियों के साथ घटनाएं होती रहती  हैंI कहीं से  भी वो खुद को सुरक्षित नहीं महसूस करतीI घूसखोरी बढ़ती जा रही है  I खुद को हर जगह को  हम खुद  असुरक्षित कर रहे हैंI हम भारत को भ्रष्टाचार मुक्त कर सकते हैं अगर हम अपनी जिंदगी में सबसे पहले प्रयास करें तो I  हमें खुद को उन लोगों से दूर रखना होगा चाहे वो कार्यालय हो या कोई भी कार्य का क्षेत्रI

किसी  समय इसे सोने की  चिड़ियां कहा जाता थाI पर लोगोंकी भ्रष्ट बुद्धी ने इसे ख़राब कर दिया I  क्यूँ न हम फिर से नया सवेरा लायेंI घूसखोरी  जैसी बिमारी को दूर भगाएंIऔरतों को  सम्मान दें I सही कानून का निर्माण हो जिसमें लोगों को सही मौका मिले

किसी प्रकार का जातिवाद न हो,गैर-योग्य व्यक्तियों को जाति कोटा और राजनीतिक सिफारिशों के जरिए सरकारी नौकरी के लिए केवल शिक्षित और सही उम्मीदवार का चयन करें।

आज फिर से  हम नयी शुरुआत करें  I   भारत को स्वर्णिम बनायेंI

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