bhrashtachar Mukt Bharat Ka Sapna pe nibandh
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लेकिन अफसोस मैं जैसी कल्पना करता हूँ भारत इस आदर्श जगह से बहुत दूर है। हर कोई इतना पैसा कमाने और अपनी जीवन शैली का विकास करना चाहता है कि वे अपने सपने और महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए भ्रष्ट तरीकों का उपयोग करने से भी नहीं डरते। यह एक सामान्य धारणा है कि जो लोग ईमानदारी से काम करते हैं वे कभी भी अपने सपनों को पूरा नहीं कर पाते। उन्हें कोई पदोन्नति नहीं मिलती और कम वेतन मिलता है। दूसरी ओर जो लोग रिश्वत लेते हैं और अपने कार्यों को पूरा करने के लिए अनुचित साधनों का उपयोग करते हैं वे सफलता की सीढ़ी चढ़ते हैं और बेहतर जीवन जीते हैं।
यह समझने की जरूरत है कि भले भ्रष्ट तरीकों का उपयोग करना अधिकांश मामलों में पैसा कमाने का एक आसान तरीका है लेकिन यह वास्तव में आपको ख़ुशी नहीं दे सकता है। आप ऐसे ख़राब रास्ते पर चल अच्छी तरह से धन कमा सकते हैं लेकिन क्या आपके मन को कभी शांति मिल पाएगी? नहीं! आपको अस्थायी रूप से खुशी जरुर मिल सकती है लेकिन आप लंबे समय तक असंतुष्ट और नाखुश रहेंगे।
हम में से हर एक को भ्रष्ट प्रथाओं को छोड़ने का प्रतिज्ञा लेनी चाहिए। इस तरह हमारा जीवन बेहतर होगा और हमारा देश एक बेहतर स्थान बन जाएगा।

भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर निबंध
भारत विभिन्न स्तरों पर भ्रष्टाचार की समस्या का सामना करता है। यह समस्या आंतरिक रूप से हमारे देश को खा रही है। यह सही समय है कि हम में से हर एक को हमारे देश पर पड़ते भ्रष्टाचार के नकारात्मक प्रभावों को महसूस करना चाहिए और हमारे देश को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने के लिए अपना योगदान देना चाहिए।
ऐसा अक्सर कहा जाता है कि भारतीय राजनीतिज्ञ भ्रष्ट हैं लेकिन यह एकमात्र ऐसा क्षेत्र नहीं है जहां भ्रष्टाचार निहित है। भ्रष्टाचार हर क्षेत्र में मौजूद है और यह हमारे देश को बर्बाद कर रहा है। भ्रष्टाचार मुक्त भारत पर हमने यहाँ अलग-अलग लंबाई के निबंध उपलब्ध कराएँ हैं जो आपकी परीक्षा में इस विषय के साथ आपकी सहायता कर सकते हैं। आप अपनी पसंद के किसी भी भ्रष्टाचार मुक्त भारत निबंध का चयन कर सकते हैं:
हम सभी भ्रष्टाचार से अच्छे तरह वाकिफ है और ये अपने देश में नई बात नहीं है। इसने अपनी जड़ें गहराई से लोगों के दिमाग में बना ली है। ये एक धीमे जहर के रुप में प्राचीन काल से ही समाज में रहा है।ये मुगल साम्राज्य के समय से ही मौजूद रहा है और ये रोज अपनी नई ऊँचाई पर पहुँच रहा है साथ ही बड़े पैमाने पर लोगों के दिमाग पर हावी हो रहा है। समाज में सामान्य होता भ्रष्टाचार एक ऐसा लालच है जो इंसान के दिमाग को भ्रष्ट कर रहा है और लोगों के दिलों से इंसानियत और स्वाभाविकता को खत्म कर रहा है। भ्रष्टाचार कई प्रकार का होता है जिससे अब कोई भी क्षेत्र छुटा नहीं है चाहे वो शिक्षा, खेल, या राजनीति कुछ भी हो। इस वजह से लोग अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझते। बेईमानी, सार्वजनिक संपत्तियों की बरबादी, शोषण, घोटाला, और अनैतिक आचरण आदि सभी भ्रष्टाचार की ही ईकाई है।इसकी जड़े विकसित और विकासशील दोनों देशों मेंव्याप्त है। समाज में समानता के लिये अपने देश से भ्रष्टाचार को पूरी तरह से मिटाने की जरुरत है। हमें अपनी जिम्मेदारियों के प्रति निष्ठावान होना चाहिये और किसी भी प्रकार के लालच में नहीं पड़ना चाहिये।