Hindi, asked by peter5388, 10 months ago

Bhrashtachar Samaj ke liye ek kalank Hai Is par essay in Hindi

Answers

Answered by dcharan1150
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भ्रष्टाचार- समाज का एक कलंक |

Explanation:

आज के समय में हर कोई बिना मेहनत के ढेर सारे पैसे कमाना चाहता हैं | इससे लोगों के मन में गलत तरीकों से धन उपार्जन की प्रबुत्ती बढ़ती ही जा रही हैं | लोगों के मन में यह बात आघात नहीं कर रही है की, इस तरिके से पैसे कमा कर उनको सिर्फ क्षण भर का ही सूखा मिलेगा और इसी के कारण ही आज आपको समाज में भ्रष्टाचार देखने को मिल रही हैं |

लोगों के मन से धीरे-धिरे कानून और दंड व्यवस्था को लेकर डर खत्म होती ही जा रही हैं | कुछ काम निकालना हो रिसवत देना और लेना दोनों ही कानूनी तौर पर भ्रष्टाचार से लिप्त गुनाहगार हैं | यह तरीके से कलंक की भांति हमारे समाज को नष्ट करती जा रही हैं | इसके कारण लोगों में नैतिकता भी खत्म होती जा रही हैं | इसे जल्द से जल्द रोकना होगा नहीं तो बहुत बड़ी बिपत्ति हम सबको ग्रसित कर लेगी |

Answered by bharattiwariepatrika
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भ्रष्टाचार समाज के लिए  एक कलंक

वर्तमान में ‘भ्रष्टाचार’ फैलने वाली बीमारी की तरह हो चुका है जो समाज में हर तरफ दिखाई देता है। भारत के वो महान नेता जिन्होंने अपना पूरा जीवन भ्रष्टाचार और सामाजिक बुराईयों को मिटाने में लगा दिया, लेकिन ये शर्म की बात है कि आज उनके दिखाये रास्तों की अनदेखी कर हम अपनी जिम्मेदारियों से भागते है। धीरे-धीरे इसकी पैठ राजनीति, व्यापार, सरकार और आमजनों के जीवन पर बढ़ती जा रही है। लोगों की लगातार पैसा, ताकत, पद और आलीशान जीवनशैली की भूख की वजह से ये घटने के बजाय दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है।

पैसों की खातिर हमलोग अपनी वास्तविक जिम्मेदारी को भूल चुके है। हमलोग को ये समझना होगा कि पैसा ही सबकुछ नहीं होता साथ ही ये एक जगह टिकता भी नहीं है। हम इसे जीवनभर के लिये साथ नहीं रख सकते, ये केवल हमें लालच और भ्रष्टाचार देगा।

हमें अपने जीवन में मूल्यों पर आधारित जीवन को महत्व देना चाहिये ना कि पैसों पर आधारित। ये सही है कि सामान्य जीवन जीने के लिये ढ़ेर सारे पैसों की आवश्कता होती है जबकि सिर्फ अपने स्वार्थ और लालच के लिये ये सही नहीं है।

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