bhukamp essay in hindi
Answers
भूकंप का नाम लेते ही मन भय से काँप (Shiver) उठता है । जहाँ भूकंप होता है, वहाँ अनेक मकान ध्वस्त (Demolish) हो जाते हैं और मानव के साथ-साथ अनेक जीव-जंतु घरों में दबकर मरजाते हैं चारों-ओर-प्रलय (Total end) का दृश्य (Scene) उपस्थित हो जाता है ।
धरती काँपती है, तो कहीं नदी के बीच से जमीन निकल आती है, तो कहीं धरती फट कर झील (Lake) का रूप ले लेती है । भूकंप आता है और दे जाता है अनेक प्रकार के कष्ट और कई प्रकार की पीड़ा (Pain) ।
2. कारण:
जापान को भूकंप का देश कहा जाता है । वहाँ आए दिन धरती डोलती रहती है । ये भूकप ज्वालामुखी (Volcano) के फटने के कारण होते हैं । जापान में ज्वालामुखी पहाड़ अधिक संख्या में है जो धरती के अन्दर गर्मी बढ़ जाने के कारण ज्वालामुखी अचानक फट पड़ता और धरती डोलने लगती है ।
धरती के भीतर चट्टानों (Rocks) के इधर-उधर खिसकने (Move) से भी धरती डोलती है । इसलिए अधिक पहाड़ों वाले स्थानों पर भी भूकंप होता है क्योंकि वहाँ धरती पर दबाव (Pressure) अधिक होता है । यह दबाव अधिक ऊंचे-बड़े मकानों के कारण भी होता है और भूकंप का खतरा बढ़ जाता है । आधुनिक विज्ञान (Modern science) ने भूकंप का एक और कारण (Cause) खोज निकाला है, जिसे प्लेट टेक्टोनिक्स (Plate) कहा जाता है ।
इसके अनुसार भिन्न महाद्वीपों (Continents) और महासागरों (Oceans), पर्वतों (Mountains) तथा मरुभूमियों (Deserts) की अलग-अलग प्लेटें होती हैं, जो निरंतर (Always) खिसकती रहती हैं । उन्हीं प्लेटों के टकराने या अलग होने पर भूकंप आता है ।
3. उपाय:
भारत में हिमालय के क्षेत्र, पूर्वोत्तर भारत (North-Eastern india) तथा पश्चिम के कुछ क्षेत्रों में अब तक भयंकर भूकंप आ चुके हैं । हाल में ही गुजरात में आये भीषण भूकंप में बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई थीं । भूकंपों के बाद राहत कार्य (Measures for comfort) चलाये जाते हैं किन्तु इसके आने की सूचना पहले से दिये जाने का कोई तरीका अब तक ज्ञात (Known) नहीं है ।
फिर भी इससे अपनी जान बचाने के लिए लकड़ी के मकानों में रहने और अपने पास मोबाइल फोन, टॉर्च पानी की बोतल और कुछ आवश्यक चीजें हमेशा रखना लाभकारी रहता है । पेड़-पौधे भी भूकंप से हमारी रक्षा करते हैं ।
4. उपसंहार:
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) है जिसे रोकना यदि मनुष्य के लिए संभव नहीं है, तो कम-से-कम उससे बचने के लिए आधुनिक विज्ञान (Modern science) की पूरी मदद तो अवश्य ले सकता है ।
1. भूमिका:
भूकंप का नाम लेते ही मन भय से काँप (Shiver) उठता है । जहाँ भूकंप होता है, वहाँ अनेक मकान ध्वस्त (Demolish) हो जाते हैं और मानव के साथ-साथ अनेक जीव-जंतु घरों में दबकर मरजाते हैं चारों-ओर-प्रलय (Total end) का दृश्य (Scene) उपस्थित हो जाता है ।
धरती काँपती है, तो कहीं नदी के बीच से जमीन निकल आती है, तो कहीं धरती फट कर झील (Lake) का रूप ले लेती है । भूकंप आता है और दे जाता है अनेक प्रकार के कष्ट और कई प्रकार की पीड़ा (Pain) ।
2. कारण:
जापान को भूकंप का देश कहा जाता है । वहाँ आए दिन धरती डोलती रहती है । ये भूकप ज्वालामुखी (Volcano) के फटने के कारण होते हैं । जापान में ज्वालामुखी पहाड़ अधिक संख्या में है जो धरती के अन्दर गर्मी बढ़ जाने के कारण ज्वालामुखी अचानक फट पड़ता और धरती डोलने लगती है ।
धरती के भीतर चट्टानों (Rocks) के इधर-उधर खिसकने (Move) से भी धरती डोलती है । इसलिए अधिक पहाड़ों वाले स्थानों पर भी भूकंप होता है क्योंकि वहाँ धरती पर दबाव (Pressure) अधिक होता है । यह दबाव अधिक ऊंचे-बड़े मकानों के कारण भी होता है और भूकंप का खतरा बढ़ जाता है । आधुनिक विज्ञान (Modern science) ने भूकंप का एक और कारण (Cause) खोज निकाला है, जिसे प्लेट टेक्टोनिक्स (Plate) कहा जाता है ।
इसके अनुसार भिन्न महाद्वीपों (Continents) और महासागरों (Oceans), पर्वतों (Mountains) तथा मरुभूमियों (Deserts) की अलग-अलग प्लेटें होती हैं, जो निरंतर (Always) खिसकती रहती हैं । उन्हीं प्लेटों के टकराने या अलग होने पर भूकंप आता है ।
3. उपाय:
भारत में हिमालय के क्षेत्र, पूर्वोत्तर भारत (North-Eastern india) तथा पश्चिम के कुछ क्षेत्रों में अब तक भयंकर भूकंप आ चुके हैं । हाल में ही गुजरात में आये भीषण भूकंप में बड़ी संख्या में लोगों की मौतें हुई थीं । भूकंपों के बाद राहत कार्य (Measures for comfort) चलाये जाते हैं किन्तु इसके आने की सूचना पहले से दिये जाने का कोई तरीका अब तक ज्ञात (Known) नहीं है ।
फिर भी इससे अपनी जान बचाने के लिए लकड़ी के मकानों में रहने और अपने पास मोबाइल फोन, टॉर्च पानी की बोतल और कुछ आवश्यक चीजें हमेशा रखना लाभकारी रहता है । पेड़-पौधे भी भूकंप से हमारी रक्षा करते हैं ।
4. उपसंहार:
भूकंप एक प्राकृतिक आपदा (Natural Calamity) है जिसे रोकना यदि मनुष्य के लिए संभव नहीं है, तो कम-से-कम उससे बचने के लिए आधुनिक विज्ञान (Modern science) की पूरी मदद तो अवश्य ले सकता है ।