big essay on mere jivaan ka lakshya in hindi
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मेरे जीवन का लक्ष्य है एक बड़ा इंजीनीयर बनना और बहुत धन कमाकर धनवान बनना और एक व्यापार कम्पेनी चलाना । इस लक्ष्य को पाने के लिये मैं बहुत कोशिश करूंगा । मुझे पढ़ाई बहुत अच्छा लगता है। मैं सब विषय पसंद करता हूँ और अच्छी तरह समझने के लिये मेहनत करता हूँ । आगे जाकर मैं एक विख्यात विश्वविद्यालय में पढूंगा । मुझे अपने देश की भलाई लिये भी कुछ करने का सोचता हूँ। मेरे दोस्त और मेरे माता और पिताजी भी मुझसे सहमत हैं। वे मुझे अपना हात भी देंगे मेरे जिंदगी में आगे बढ़ने के लिये ।
choutu:
u helped me somewat yaar thnq
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संसार में हर प्राणी अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है । सूर्य, चन्द्र,
सितारे सब अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहते हैं । तो फिर में अपने जीवन को
बिना उद्देश्य से कैसे रख सकता हूँ .
हर किसी का उद्देश्य अलग-अलग होता है । कोई डॉक्टर बनना चाहता है कोई नेता तो कोई इंजीनियर। पर मेरा उद्देश्य इनसे अलग है । मेरा मानना यह है की अच्छे राष्ट्र की नींव उसके अच्छे पढ़े लिखे और संस्कारवान लोग होते हैं । मेरे जीवन का उद्देश्य एक आदर्श शिक्षक बनना है । एक अच्छा शिक्षक ही अच्छे राष्ट्र की नींव रख सकता है । अध्यापक स्वयं शिक्षा का केंद्र होता है । वह अपने शिष्यों को भी सुयोग्य बनाकर उनके हृदय में भी ज्ञान की ज्योति जला सकता है । क्यों न में भी अपनी शिक्षा की ज्योति से हर नवयुवक छात्र के हृदय में ज्ञान का दीप जला दूँ ।
दीपक से दीपक जलता है ।
ज्योति अमर माँ के मंदिर की ।। इसी अमर दीप से प्रकाश ले जन-जन के मन का अँधेरा दूर कर सकूँ तो मेरे जीवन का लक्ष्य पूरा हो जायेगा । इसलिए में एक शिक्षक बनना चाहता हूँ और हर बालक को यह पाठ पढ़ाना चाहता हूँ कि वह भगवन से प्रार्थना करके यही वर मांगे कि –
तमसो मा ज्योतिर्गमय
हे प्रभु ! मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले
लो
हर किसी का उद्देश्य अलग-अलग होता है । कोई डॉक्टर बनना चाहता है कोई नेता तो कोई इंजीनियर। पर मेरा उद्देश्य इनसे अलग है । मेरा मानना यह है की अच्छे राष्ट्र की नींव उसके अच्छे पढ़े लिखे और संस्कारवान लोग होते हैं । मेरे जीवन का उद्देश्य एक आदर्श शिक्षक बनना है । एक अच्छा शिक्षक ही अच्छे राष्ट्र की नींव रख सकता है । अध्यापक स्वयं शिक्षा का केंद्र होता है । वह अपने शिष्यों को भी सुयोग्य बनाकर उनके हृदय में भी ज्ञान की ज्योति जला सकता है । क्यों न में भी अपनी शिक्षा की ज्योति से हर नवयुवक छात्र के हृदय में ज्ञान का दीप जला दूँ ।
दीपक से दीपक जलता है ।
ज्योति अमर माँ के मंदिर की ।। इसी अमर दीप से प्रकाश ले जन-जन के मन का अँधेरा दूर कर सकूँ तो मेरे जीवन का लक्ष्य पूरा हो जायेगा । इसलिए में एक शिक्षक बनना चाहता हूँ और हर बालक को यह पाठ पढ़ाना चाहता हूँ कि वह भगवन से प्रार्थना करके यही वर मांगे कि –
तमसो मा ज्योतिर्गमय
हे प्रभु ! मुझे अंधकार से प्रकाश की ओर ले
लो
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