Bihari Ke Dohe ke Aadhar par spasht Kijiye ki sajse manme eshwar baste
Hai
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Sachi man mein ishwar hooti hein uskeleyi sirf sacha bakthi hooni hein .
Jabmala , thilak ye sabka avishyakada nahi hein bihari ye kahthi hein
Hope it helps
Answer:
बिहारी जी के अनुसार हाथ पर माला लेकर जपने तथा माथे पर चन्दन का तिलक लागकर जप करने से वह किसी काम नहीं आता है। यह सब बाहरी आडम्बर हैं। इस तरह के आडम्बरों से प्रभु को संतुष्ट नहीं किया जा सकता। प्रभु को तो केवल सच्ची भक्ति से ही प्रसन्न किया जा सकता है।
ईश्वर कण-कण में व्याप्त है। जिस मनुष्य ने ह्दय में व्याप्त ईश्वर को पहचान लिया, वह कण-कण में व्याप्त ईश्वर को देख लेगा।
बिहारी जी कहते हैं हे श्रीकृष्ण! आप चंद्रवंश में जन्मे उसके पश्चात् आपने ब्रज को अपना निवास स्थान बनाया। आप मेरे लिए पिता के समान पूज्यनीय हैं, इसलिए आप मेरे सभी दुखों को हर लीजिए। इसका दूसरा अर्थ इस प्रकार है हे पिता, केशवराज श्री आप ने ब्राहमण कुल में जन्म लिया। उसके पश्चात् आप ब्रज में निवास करने लगे आप मेरे लिए भगवान के समान पूज्यनीय हैं। अतः आप मेरे सभी कष्टों को दूर करें।