Math, asked by debasmitakanthadk, 8 hours ago

biography of brahnmagupta in Hindi
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Answered by deepak9140
7

Step-by-step explanation:

1. प्रस्तावना:

भारत के महान् गणितज्ञों तथा ज्योतिषाचार्यो में ब्रह्मगुप्त का नाम सर्वोपरि है । वे इसलिए सर्वश्रेष्ठ हैं; क्योंकि उन्होंने बीजगणित का उपयोग खगोल शास्त्र में किया था । उन्होंने पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति का भी अध्ययन करके यह बताया था कि पृथ्वी का गुरुत्व बल सभी वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है ।

2. जन्म परिचय-ब्रह्मगुप्त का जन्म 598 ई॰ पंजाब में हुआ था । ब्रह्मगुप्त के समय में गुप्त साम्राज्य का करीब-करीब अन्त हो रहा था तथा वर्धन साम्राज्य का उदय हो रहा था । ब्रह्मगुप्त को बाणभट्‌ट उघैर हर्षवर्धन का समकालीन माना जाता है । उनके पिता का नाम विष्णुगुप्त था । कहा जाता है कि ब्रह्मगुप्त के जन्म के कुछ समय पहले मक्का में मोहम्मद पैगम्बर का जन्म हुआ था ।

3. गणित तथा ज्योतिष को उनकी देन:

ब्रह्मगुप्त ने समीकरणों के बारे में नये हल सुझाये । ब्रह्मगुप्त ने कुछ नये यन्त्रों का आविष्कार करके वेदशाला की स्थापना की, जिसके द्वारा ग्रह और तारों की गति, स्थितियों का अध्ययन किया । ब्रह्मगुप्त ने पृथ्वी की परिभ्रमण गति तथा चन्द्रग्रहण एव सूर्यग्रहण से सम्बन्धित आर्यभट्‌ट एवं वराहमिहिर के सिद्धान्तों का खण्डन किया ।

उनका यह खण्डन उनकी पूर्वाग्रहयुक्त मानसिकता या संकुचित बुद्धि का था । यह समझ से परे है । अपने दूसरे ग्रन्थ खण्डखाद्य में उन्होंने पंचांग बनाने की विधियों के बारे में लिखा है । इसमें उन्होंने यह स्पष्ट किया कि मैं आर्यभट्‌ट के समान उपयोगी यरथ लिख रहा हूँ, अर्थात् या तो उन्हें आर्यभट्‌ट की प्रतिभा को मानकर भी नहीं मानना था या फिर वे अपने पहले यद्यथ की अलोकप्रियता से खिन्न थे, जिसके कारण उन्होंने ऐसा लिखा होगा ।

ब्रह्मगुप्त के ब्राह्मस्फुट सिद्धान्त तथा खण्डखाद्य ने बगदाद में काफी ख्याति प्राप्त की, जिसको अरबी भाषा में अनुदित भी किया गया । इस ग्रन्थ द्वारा अरबवासियों को भारतीय ज्योतिष और गणित की जानकारी गिली । 11वीं सदी में जब अलबरूनी आया, तो उसने अन्य भारतीय गणित और ज्योतिष सम्बन्धी अन्यों के साथ-साथ ब्रह्मगुप्त के अन्यों की काफी प्रशंसा की । वह संस्कृत का अच्छा ज्ञाता था ।

अत: उसने ग्रन्थों का भली-भांति अध्ययन करके ब्रह्मगुप्त की आलोचना की; क्योंकि ब्रह्मगुप्त ने आर्यभट्‌ट के कई सिद्धान्तों को नहीं माना था । अंग्रेजी शासन के स्थापित हो जाने के बाद सन 1817 में कोलब्रुक नाम के अंग्रेज ने कुट्टकाध्याय का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद किया । तभी उन्हें ज्ञात हो पाया कि यूरोप में जो आधुनिक बीजगणित पढ़ाया जाता है, वह वस्तुत: भारतीय बीजगणित पर ही आधारित है । इस तरह गणितशास्त्र के क्षेत्र में ब्रह्मगुप्त विदेशों में भी जाने जाते हैं ।

4. उपसंहार:

इस तरह स्पष्ट होता है कि हमारे देश में आर्यभट्‌ट, वराहमिहिर, भास्कराचार्य आदि गणितज्ञों व ज्योतिषाचार्यो के मध्य में ब्रह्मगुप्त का नाम भी उल्लेखनीय है । वेदशाला स्थापित करने में वे निपुण, प्रतिष्ठित, असाधारण विद्वान् थे ।

Answered by pradhanmadhumita2021
21

Answer:

Hello Subhasmita

Myself Himetisha

I age also 13+

Step-by-step explanation:

ब्रह्मगुप्त (सी। 598 - सी। 668 सीई) एक भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री थे। वह गणित और खगोल विज्ञान पर दो प्रारंभिक कार्यों के लेखक हैं: ब्रह्मस्फूससिद्धांत (बीएसएस, "सही ढंग से स्थापित करते हैं"

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