Biography of Kavi Shiv Mangal Singh Suman in Hindi
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शिवमंगल सिंह 'सुमन' (1915-2002) एक प्रसिद्ध हिंदी कवि और शिक्षाविद थे। उनकी मृत्यु के बाद, भारत के तत्कालीन प्रधान मंत्री ने कहा, "डॉ. शिव मंगल सिंह 'सुमन' केवल हिंदी कविता के क्षेत्र में एक शक्तिशाली चिह्न ही नहीं थे, बल्कि वह अपने समय की सामूहिक चेतना के संरक्षक भी थे। उन्होंने न केवल अपनी भावनाओं का दर्द व्यक्त किया, बल्कि युग के मुद्दों पर भी निर्भीक रचनात्मक टिप्पणी भी की थी।"
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शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ हिंदी साहित्य के मशहूर कवियों में से एक थे। साथ ही वे शिक्षा के क्षेत्र में भी कार्यरत रहे। बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से हिंदी साहित्य में एमए और पीएचडी करने के बाद उन्होंने कई विश्वविद्यालयों में शिक्षक व वाईस-चांसलर के तौर पर अपनी सेवाएँ दी।
शिवमंगल सिंह का जन्म 5 अगस्त 1915 को उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के झगेरपुर में हुआ था। अध्यापन के अलावा विभिन्न महत्त्वपूर्ण संस्थाओं और प्रतिष्ठानों से जुड़कर उन्होंने हिंदी साहित्य में योगदान दिया। वे एक उम्दा अध्यापक, कुशल प्रशासक, प्रखर चिंतक और विचारक भी थे।
वे हिंदी संस्थान, लखनऊ (उत्तर-प्रदेश) के वाईस-प्रेजिडेंट रहे और नई दिल्ली के एसोसिएशन ऑफ़ इंडियन यूनिवर्सिटीज़ के प्रेजिडेंट के तौर पर नियुक्त हुए।
आम लोगों के प्रिय ‘सुमन’
वह साहित्य प्रेमियों में ही नहीं अपितु सामान्य लोगों में भी बहुत लोकप्रिय थे। शहर में किसी अजनबी व्यक्ति के लिए रिक्शे वाले को यह बताना ही काफ़ी था कि उसे सुमन जी के घर जाना है। रिक्शा वाला बिना कोई पूछताछ किए मेहमान को उनके घर तक छोड़ आता।
पत्रकारिता का सम्मान
बताया जाता है एक बार वे कानपुर के किसी महाविद्यालय के कार्यक्रम में आए। कार्यक्रम की समाप्ति पर कुछ पत्रकारों ने उन्हे घेर लिया। आयोजकों में से किसी ने कहा सुमन जी थके हुए हैं। इस पर वे तपाक से बोले, नहीं मैं थका नहीं हूँ। पत्रकार तत्कालिक साहित्य के निर्माता है; उनसे दो चार पल बात करना अच्छा लगता है।
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