Hindi, asked by Shadowfi007, 1 year ago

Bird and tree conversation in Hindi

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Answered by me12gha43
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chidiya ha mera thost aap kesa ho

ped me bahut tek hu

Answered by brainbuster3
2
गिद्ध एक ऐसी बदसूरत चिड़िया है जिसकी खानपान की आदतें पारिस्थितिकी तंत्र या ईको सिस्टम के लिए ज़रूरी हैं. हालांकि इसके लिए उसे श्रेय शायद ही दिया जाता है.

खैर, गिद्ध के बारे में हम चाहें जैसी भी राय रखते हों, लेकिन उनके बारे में एक बात तो साफ़ है कि वो ख़तरे में हैं.

पिछले एक दशक के दौरान भारत, नेपाल और पाकिस्तान में उनकी तादात में 95 प्रतिशत तक की कमी आई है और ऐसे ही रुझान पूरे अफ्रीका में देखे गए हैं.

ये पक्षी जिन शवों को खाते हैं, उससे उनके शरीर में ज़हर पहुंच रहा है. कुछ लोग मानते हैं कि जानवरों को दी जाने वाली दवाओं के कारण ऐसा हो रहा है, जबकि दूसरे लोग मानते हैं कि नियमों को ताक पर रखकर किए जा रहे शिकार के कारण इनकी संख्या घट रही है. इनका शिकार इसलिए भी किया जा रहा है ताकि ये गैंडों और हाथियों की मौत के बारे में चेतावनी न दे सकें.

साइमन थॉमसेट जैसे संरक्षणवादी इन पक्षियों की दुर्दशा को लेकर जागरुकता फैलाने का काम कर रहे हैं. वो गिद्धों के अनूठे गुणों को बताकर हमारे नज़रिए को बदलने के लिए भी काम कर रहे हैं.

आइए उनके ऐसे ही कुछ गुणों के बारे में जानते हैं.

1. बुलंद उड़ान
गिद्ध सबसे ऊंची उड़ान भरने वाला पक्षी है. इसकी सबसे ऊंची उड़ान को रूपेल्स वेंचर ने 1973 में आइवरी कोस्ट में 37,000 फीट की ऊंचाई पर रिकॉर्ड किया था, जब इसने एक हवाई जहाज को प्रभावित किया था. ये ऊंचाई एवरेस्ट (29,029 फीट) से काफ़ी अधिक है और इतनी ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी से ज़्यादातर दूसरे पक्षी मर जाते हैं.

थॉमसेट बताते हैं, "इसके बाद गिद्ध को लेकर हुए अध्ययनों से उनके हीमोग्लोबिन और ह्दय की संरचना से संबंधित कई ऐसी विशेषताओं के बारे में पता चला, जिनके चलते वो असाधारण वातावरण में भी सांस ले सकते हैं."

गिद्ध भोजन की तलाश में एक बड़े इलाक़े पर नज़र डालने के लिए अक्सर ऊंची उड़ान भरते हैं.

2. अफ्रीका के सबसे बड़े पेटू
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थॉमसेट बताते हैं, "अफ्रीका आने वाले प्रत्येक पर्यटक को लगता है कि जंगली जानवरों को खाने वालों में सबसे आगे शेर, हाइना, तेंदुए, चीते, जंगली कुत्ते और गीदड़ हैं. लेकिन ऐसा है नहीं."

वो एक उदाहरण अफ्रीकी क्षेत्र सेरेंगेती का उदाहरण देते हैं, जहां एक अनुमान के मुताबिक़ हर साल मृत पशुओं का सड़ा माँस और कंकाल कुल चार करोड़ टन से अधिक होते हैं.

वो बताते हैं, "मांसाहारी जीव (स्तनधारी) इसके केवल 36 प्रतिशत हिस्से को खा सकते हैं और बाकी गिद्धों के हिस्से में आता है. इस संसाधन के लिए जीवाणु और कीड़े गिद्धों से मुक़ाबला करते हैं, लेकिन इसके बावजूद गिद्ध ही सबसे बड़े उपभोक्ता हैं."

गिद्ध बीमारियों को फैलने से रोकने के साथ ही जंगली कुत्तों जैसे अन्य मुर्दाख़ोरों की संख्या को सीमित रखने में भी मददगार साबित होते हैं.

3. कोई सरहद न इन्हें रोके
गिद्ध अपने भोजन के लिए काफ़ी अधिक दूरी तय कर सकते हैं. रूपेल्स वेंचर ने हाल में एक गिद्ध को तंजानिया स्थित अपने घोंसले से उड़ात भरते हुए केन्या के रास्ते सूडान और ईथोपिया तक सैर करते हुए कैमरे में क़ैद किया.

शोधकर्ताओं के एक अंतरराष्ट्रीय दल ने पाया कि सूखे के दौरान केन्या के मसाई मारा रिज़र्व से ये पक्षी जंगली हिरणों का पीछा करते हुए अपने भोजन की तलाश में दूसरे स्थानों तक जाते हैं.

सीमाओं को पार करने की इस आदत के कारण इन पक्षियों को परेशानी भी उठानी पड़ती है. एक बात तो सऊदी अरब में स्थानीय मीडिया ने इन पक्षियों पर इसराइली जासूस होने का आरोप भी लगा दिया.

4. करामाती पेशाब
तुर्की के गिद्ध अपने पैरों पर पेशाब करते हैं और उनकी ये आदत आपको भले ही अच्छी न लगे, लेकिन वैज्ञानिकों का अनुमान है कि उनकी इस आदत से उन्हें बीमारियों से बचने में मदद मिलती है.

सड़े हुए मांस पर खड़े होने के कारण गिद्धों के पैरों में गंदगी लग जाती है और ऐसा अनुमान है कि गिद्धों के पेशाब में मौजूद अम्ल उनके पैरों को कीटाणुओं से मुक्त बनाने में मदद करता है.

5. असीमित विस्तार
दक्षिण अफ्रीकी केप गिद्ध एक सीध में करीब 1000 किलोमीटर तक की दूरी तय करने के लिए बिजली के विशाल खंभों का अनुसरण करते हैं.

ऐसी मानवनिर्मित चीज़ों की मदद लेने के अपने जोखिम भी हैं. बिजली के खंभों पर ठहरने या घोंसला बनाने से तारों से चिपक जाने और करंट लगने का जोखिम रहता है.

बिजली के तार निजी खेतों से भी गुजरते हैं और भोजन की तलाश में इन स्थानों पर घूमने के दौरान ज़हर की चपेट में आने की आशंका भी बनी रहती है.

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