Bisectors of ∟∟OF ABC, meet at ‘O’. Prove that ∟=90+∟.
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यहां तक कि शिक्षित माता-पिता भी उम्मीद करते हैं कि उनकी बहू अपने नए परिवार के लिए पैसे और उपहार लाएगी। वे दहेज प्रथा का इस्तेमाल अमीरों की अमीरी में कटौती के रूप में करते हैं। वे किसी और की बेटी को यह सोचे बिना यातनाएं देते हैं कि उनकी अपनी बेटी के साथ भी ऐसा दुरव्यवहार हो सकता है।
हमारे देश में दहेज का लेन-देन बंद करने के लिए कई बड़े फसले वह कानून बनाए गए, जिसका उल्लंघन करना दंडनीय अपराध है। फिर भी दहेज प्रथा बहुत अधिक अस्तित्व में है ।
दहेज प्रतिषेध अधिनियम, 1961 ने दहेज विरोधी कानूनों को समेकित किया जो कुछ राज्यों पर लागु किया गया था। यह कानून धारा 3 में किसी भी व्यक्ति को दहेज देने या लेने, पर दंड का प्रावधान रखता है। न्यूनतम सजा 5 साल के लिए कारावास हो सकती है और ₹ 15,000 से अधिक जुर्माना या प्राप्त दहेज का मूल्य, जो भी हो। इस अधिनियम में दहेज को किसी भी संपत्ति या मूल्यवान चिज के रूप में परिभाषित किया गया है। दहेज देने या लेने का दंड उन मामलों में लागू नहीं होता है, जो बिना किसी मांग के विवाह के समय दिए जाते हैं।
दहेज प्रथा भारतीय समाज के लिए एक बहुत बड़ी समस्या है जिसका मुल रूप से ग्रामीण क्षेत्रो के ज्यादा उल्लंघन होता हैं। जिसके कारण हमारे देश की कई महिलाए प्रभावित हुई है। जब तक हम अपने दिलों मेे परिवर्तन लाने के लिए तैयार नहीं होगें तब तक यह प्रथा ऐसे ही चलती रहेगी।