बलात्कार चालन समाज के विकास में बाधा के विषयर पर अपना विचार लिखें?
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hahahahahhahahah very bad question
सम्मान के साथ जीने का अधिकार जीवन के अधिकार में शामिल हैं, जिसे भारत का संविधान हर नागरिक के लिए सुनिश्चित करता है। मानव होने की स्वाभाविक गरिमा तथा महिलाओं को किसी भी प्रकार की हिंसा से बचाने के लिए भारत अंतर्राष्ट्रीय कानूनों तथा घोषणाओं जैसे यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्युमैन राइट (UDHR) तथा महिलाओं के खिलाफ होने वाले सभी प्रकार की हिंसाओं के उन्मूलन पर आयोजित सम्मेलन (CEDAW), का एक हिस्सा बना है। इसके अलावा अपराध के शिकार तथा शक्ति के दुरुपयोग के शिकार हेतु यूएन के न्याय का मौलिक सिद्धांत, 1985 शिकार व्यक्तियों के सम्मान तथा आपराधिक न्याय प्रणाली के जरिए उनकी शिकायत की त्वरित कार्रवाई, क्षतिपूर्ति तथा सहायता सेवा को आवश्यकता मानता है।
सम्मान के साथ जीने का अधिकार जीवन के अधिकार में शामिल हैं, जिसे भारत का संविधान हर नागरिक के लिए सुनिश्चित करता है। मानव होने की स्वाभाविक गरिमा तथा महिलाओं को किसी भी प्रकार की हिंसा से बचाने के लिए भारत अंतर्राष्ट्रीय कानूनों तथा घोषणाओं जैसे यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्युमैन राइट (UDHR) तथा महिलाओं के खिलाफ होने वाले सभी प्रकार की हिंसाओं के उन्मूलन पर आयोजित सम्मेलन (CEDAW), का एक हिस्सा बना है। इसके अलावा अपराध के शिकार तथा शक्ति के दुरुपयोग के शिकार हेतु यूएन के न्याय का मौलिक सिद्धांत, 1985 शिकार व्यक्तियों के सम्मान तथा आपराधिक न्याय प्रणाली के जरिए उनकी शिकायत की त्वरित कार्रवाई, क्षतिपूर्ति तथा सहायता सेवा को आवश्यकता मानता है।बलात्कार महिलाओं के खिलाफ होने वाला सर्वाधिक हिंसक कानून है, जो न केवल उनकी शारीरिक अखंडता को नष्ट करता है, बल्कि व्यक्तिगत व सामाजिक संबंधों के उनकी विकास की क्षमता को बाधित कर उनके जीवन व जीविका को प्रभावित करता है। बलात्कार की शिकार महिला को मानसिक तथा मनोवैज्ञानिक संत्रास से गुजरना पड़ता है, जिस पर कार्रवाई करने की गहरी आवश्यकता होती है, ताकि वह महिला एक गरिमापूर्ण व सार्थक जीवन जी सके।