बने संसार यह सुंदर,
बहे धारा यहाँ निश्छल,
दया, करुणा, क्षमा, स्नेह की
सत्य का करे अभिनंदन,
उमड़े प्रेम हर आँगन।
स्वार्थ भाव विसर्जित हो,
मन की शांति अर्जित हो।
bharvad
Answers
Answered by
1
what to do with this bro??...
Similar questions