Hindi, asked by kriti9298, 1 year ago

"बनिता बनी स्यामल गौर के बीच, बिलोकहु री सखी मोहि सी है।" इस कथन से ग्रामवधू के किस मनोभाव की व्यंजना हुई है?
(क) आश्चर्य
(ख) हर्ष
(ग) मोह
(घ) अधीरता

Answers

Answered by sourasghotekar123
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Answer:(क) बनिता बनी स्यामल गौर के बीच, बिलोकहु री सखी मोहि सी है।" इस कथन से ग्रामवधू के आश्चर्य भाव की व्यंजना हुई है

Explanation:

उक्त पंक्ति में ‘स्यामल’ साँवले सलोने श्रीराम के लिए और ‘गौर’ गोरे वर्ण के लक्ष्मण के लिए कहा गया है। सीताजी अति कोमलांगी थीं, थोड़ा-सा चलने पर ही वे थक गई थीं। वे वन से अपरिचित भी थीं। अतः थक जाने से, कितना और चलना है, इस आशय से सीताजी ने श्रीराम से ये प्रश्न किये। सीताजी की दशा देखकर श्रीराम के नेत्रों से अश्रुधारा बहने लगी, क्योंकि वन-मार्ग पर थोड़ा-सा चलते ही सीताजी पूछने लगी थीं कि अभी कितना और चलना है। श्रीराम, सीता एवं लक्ष्मण के शरीर की कोमलता, नंगे पैर चलने में अक्षमता तथा वन-मार्ग की कठिनता का विचार कर ग्रामवधू का हृदय सहानुभूति रखने से सकुचा रहा था।

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