boli kya hoti hai?bhasha or boli me kya aantarik hai
Answers
Explanation:
वैसे तो बोली और भाषा में कोई खास मौलिक अंतर नहीं है, क्योंकि अंतर दोनों के व्यवहार-क्षेत्र के विस्तार पर निर्भर करता है। वैयक्तिक विविधता के चलते एक समाज में बोली जाने वाली एक ही भाषा के कई रूप दिखाई देते हैं। दरअसल, बोली भाषा की सबसे छोटी इकाई है। इसका संबंध ग्राम या मंडल से रहता है। इसके बोलने वालों का क्षेत्र काफी कम होता है यानी बोली बोलने वालों की संख्या कम होती है। इसमें प्रधानता व्यक्तिगत बोली की रहती है तथा देशज शब्दों की भरमार होती है। यह मुख्य रूप से बोलचाल की भाषा है, इसलिए व्याकरणिक दृष्टि से भी बोली बहुत ज्यादा परिष्कृत नहीं होती है और यही वजह है कि इसमें साहित्यिक रचनाओं का प्राय: अभाव रहता है। भाषा वह साधन है जिसके द्वारा हम अपने विचारों को व्यक्त करते है और इसके लिये हम जिस सवाक, पारिभाषित ध्वनियों का उपयोग करते हैं वे सभी मिलकर एक सम्पूर्ण भाषा की अवधारणा बनाते हैं