Hindi, asked by Adi3097, 10 months ago

Bonjour.

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A little work for 40 points.

I need an Essay on the topic of Rainy Season in Hindi.

(At least 2 pages)

Please Fast.​

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Answered by kangnagoyal2345
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Answer:

HELLO BUDDY

Explanation:

भारत में वर्षा ऋतु का आगमन जुलाई के महीने में होता है तथा सितंबर के महीने तक वर्षा होती रहती है । यह ऋतु किसानों के लिए वरदान सिद्ध होती है । वे इस ऋतु में खरीफ की फसल बोते हैं । वर्षा ऋतु वनस्पतियों के लिए भी वरदान होती है । वर्षा काल में पेड-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं । वर्षा-जल से उनमें जीवन का संचार होता है । वन-उपवन और बाग-बगीचों में नई रौनक और नई जवानी आ जाती है । ताल-तलैयों व नदियों में वर्षा-जल उमड़ पड़ता है । धरती की प्यास बुझती है तथा भूमि का जलस्तर बढ़ जाता है । मेढक प्रसन्न होकर टर्र-टर्र की ध्वनि उत्पन्न करने लगते हैं । झींगुर एक स्वर में बोलने लगते हैं । वनों में मोरों का मनभावन नृत्य आरंभ हो जाता है । हरी- भरी धरती और बादलों से आच्छादित आसमान का दृश्य देखते ही बनता है । वर्षा ऋतु गर्मी से झुलसते जीव-समुदाय को शांति एवं राहत पहुंचाती है । लोग वर्षा ऋतु का भरपूर आनंद उठाते हैं ।

Answered by jayathakur3939
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प्रस्तावना : –

हमारा भारत देश बहुत सारी विभिन्नताओं वाला देश है इसलिए हमारे देश में ऋतुओं में भी विभिन्नता पाई जाती है | हमारे देश में कुल छ: ऋतुएँ ग्रीष्म, वर्षा, शीत ऋतु, हेमन्त, शिशिर और बसंत है जो कि हर दो महीने के अंतराल में बदल जाती है | ऋतुओं के नाम के हिसाब से पृथ्वी का वातावरण बदलता रहता है, इन्हीं में से एक वर्षा ऋतु है जोकि संपूर्ण पर्यावरण में जीवन रेखा का काम करती है | वर्षा ऋतु में बहुत तेज और अधिक बारिश होती है कई बार तो हफ्तों तक लगातार रिमझिम बारिश होती रहती है | वर्षा ऋतु में जुलाई में प्रारंभ होती है और अगस्त माह तक इसका पूरा जोर रहता है |

वर्षा ऋतु का आगमन

भारत में मुख्य रूप से वर्षा सावन और भादो माह में होती है यह वह समय होता है जब मानसून सबसे सक्रिय रूप में होता है | ग्रीष्म काल की झुलसाती हुई गर्मी से राहत बारिश के कारण ही मिलती है | गर्मियों के कारण भारत के प्रत्येक प्रांत का तापमान इतना अधिक बढ़ जाता है कि दिन में बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है | सभी नदी, नालों, तालाबों का पानी सूख जाता है जिसे जीव-जंतुओं का जीवन बहुत कठिन हो जाता है | लेकिन जब वर्षा ऋतु का आगमन होता है तो चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है |

वर्षा ऋतु का महत्व –

वर्षा ऋतु सभी ऋतु में सबसे अच्छे ऋतु मानी जाती है, जब धरती पर प्रचंड गर्मी के बाद मानसून की पहली बारिश होती है तो धरती से सोंधी सोंधी खुशबू आती है जिसके आगे दुनिया का सबसे खुशबूदार इत्र भी कम पड़ता है | हमारा भारत देश कृषि प्रधान देश है इसलिए यहां पर ज्यादातर खेती ही की जाती है और खेती के लिए पानी की आवश्यकता होती है, इस आवश्यकता को सावन और भादो माह में आने वाली बारिश ही करती है | किसानों के लिए तो यह अमृत के समान है क्योंकि उनकी फसल बारिश पर ही निर्भर करती है |  देश के हर जगह खेतों में फसल लहरा उठती है चारों तरफ हरियाली ही हरियाली छा जाती है ऐसा लगता है मानो धरती ने हरी चुनरी ओढ़ ली हो | बारिश के कारण सभी नदी नाले और तालाब पानी से भर जाते हैं जिसके कारण पृथ्वी पर रहने वाले सभी जीव जंतुओं को  जल पीने को मिलता है | धरती का भू-जल स्तर भी बढ़ जाता है जिससे गर्मी का प्रकोप कम हो जाता है और चारों तरफ ठंडी ठंडी हवाएं चलती है | वर्षा के कारण फसल अच्छी होती है इसलिए सभी को खाने के लिए अनाज मिलता है |

(1) किसानों को –किसानों के लिए तो वर्षा ऋतु किसी वरदान से कम नहीं है क्योंकि वर्षा ऋतु से पहले किसान अपने खेतों में निराई गुड़ाई और खाद डालकर फसल के लिए तैयार करते है | हमारे देश के ज्यादातर किसान मानसून आधारित बारिश पर ही अपनी फसल बोते है | इसलिए जब बारिश का मौसम आता है तो किसानों के मुंह की मुस्कान देखते ही बनती है  उनके द्वारा लगाई गई फसल, फल, सब्जियां इत्यादि सभी भरपूर मात्रा में होती है | (2) पर्यावरण – हमारी पृथ्वी की पर्यावरण के चक्कर को सुचारू रूप से चलाने के लिए वर्षा ऋतु का बहुत महत्व है | जब बारिश आती है तो जीव जंतुओं के लिए चारे पानी की व्यवस्था हो जाती है और इंसानों के लिए भी पानी और अन्य फसल की व्यवस्था हो जाती है | पृथ्वी का पर्यावरण में फिर से एक बार जान आ जाती है | इसलिए वर्षा ऋतु का हमारे पर्यावरण के लिए बहुत महत्व है |

(3) जीव – जंतुओं भयंकर गर्मी के कारण सभी पेड़ पौधे और घास सूख जाती है साथ ही पानी के तालाब और नदियां सूख जाती हैं जिससे जीव जंतुओं को खाने के लिए कुछ नहीं मिलता और पीने के लिए पानी भी बहुत कम मिलता है | लेकिन जब वर्षा ऋतु आती है तब फिर से पानी और खाने की कमी दूर हो जाती है इसलिए वर्षा ऋतु जीव जंतुओं के लिए अमृत के समान कार्य करती है |

(4) भू-जल स्तर बढ़ना –

गर्मी और अत्यधिक तापमान के कारण पृथ्वी का जल वाष्प बनकर उड़ जाता है, और मानव द्वारा भूजल का अत्यधिक दोहन करने के कारण भू-जल स्तर कम हो जाता है जिसके कारण पृथ्वी गरम रहती है और हमें स्वस्थ जल पीने को भी नहीं मिलता है | जब वर्षा ऋतु आती है तब बारिश के कारण ही भू-जल स्तर बढ़ता है जिससे पृथ्वी के तापमान में भी कमी आती है और स्वच्छ जल भी हमें प्राप्त होता है |

वर्षा से हानि : –

(1) बाढ़ :–

अत्यधिक बारिश होने के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण फसल जन-धन की हानि होती है | लेकिन बाढ़ भी मानव जनित कार्य से ही आती है क्योंकि मानव द्वारा जंगलों की कटाई कर दी गई है जिससे पानी का बहाव तेजी से होता है | और जनधन की हानि भी मानव के कारण ही होती है क्योंकि मानव ने अपने रहने का स्थान नदियों के पास बना लिया है और उनके बहने के क्षेत्र को रोक दिया है जिससे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है. अगर मानव अपनी सीमा में रहे तो बाढ़ की स्थिति इतना भयानक रूप नहीं ले सकती है |

बीमारियां :–

वर्षा ऋतु में मौसमी बीमारियां बहुत अधिक होती है जैसे हैजा, मलेरिया, त्वचा संबंधी रोग, खांसी जुकाम इत्यादि हो जाती है | लेकिन इनमें से ज्यादातर बीमारियां मानव द्वारा फैलाए गए प्रदूषण के कारण ही उत्पन्न होती है | अगर मानव पर्यावरण का ख्याल रखें तो वर्षा ऋतु से बीमारियां नहीं होंगी |

(3) भू-कटाव : –

अत्यधिक तेज वर्षा के कारण भूमि का कटाव होने लग जाता है जिसे उपजाऊ मिट्टी बह कर चली जाती है | जो कि पर्यावरण और फसलों के लिए अच्छा नहीं होता है |  भू-कटाव की स्थिति वर्तमान में बहुत अधिक देखने को मिलती है क्योंकि मानव द्वारा अत्यधिक पेड़ों की कटाई कर दी गई है जिससे भूमि का कटाव हो रहा है इसलिए मैं अधिक से अधिक मात्रा में पेड़ लगाने होंगे और भू-कटाव को रोकना होगा |

निष्कर्ष : –

हमारे जीवन में सभी ऋतुओं का महत्व है लेकिन सबसे अधिक महत्व वर्षा ऋतु का है जिसके कारण पृथ्वी की संपूर्ण जीवन प्रणाली चलती है लेकिन कभी-कभी अत्यधिक वर्षा के कारण कुछ हानि भी हो जाती है लेकिन इसके महत्व के आगे यह नगण्य है | वर्षा हमारी धरती के लिए बहुत आवश्यक है इसलिए में इसके जल को सहेज कर रखना चाहिए और अधिक वर्षा हो इसलिए पेड़ पौधे लगाने चाहिए |

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