बर्फीले जल से भरे गिलास की बाहरी सतह पर
जल की बूंदें क्यों नज़र आती हैं?
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वायु में जलवाष्प उपस्थित होती है जिसे हम नमी कहते हैं तो जब यह नमी बर्फ से भरे गिलास या ठंडे पानी के संपर्क में आती हैं तो वह संघनित होकर ठंडी हो जाती है और वही जलवाष्प बूंदों के रूप में दिखाई देती है यह आसवन क्रिया ही है जिसमें पहला चरण वाष्पीकरण तथा दूसरा संघनन होता है ।
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बर्फीले जल से भरे गिलास:
व्याख्या:
- इस विशेषता को बिल्डअप के रूप में जाना जाता है।
- पानी के अंदर ठंडा पानी ठंडा करने का प्रयास करता है हवा में पानी का धुआँ जो कांच के द्रव्यमान के साथ परस्पर क्रिया करता है और कम तापमान के कारण धूआं द्रव और कांच के बाहर पानी के मोतियों के रूप में दिखाई देता है।
- धूआं अपनी ऊर्जा वायरस के पानी में खो देता है और पानी की बूंदों में बदल जाता है जिसे हम कांच की बाहरी सतह पर देखते हैं।
- इस चक्र को संघनन के रूप में जाना जाता है। इस विशेषता को बिल्डअप के रूप में जाना जाता है।
- पानी के अंदर ठंडा पानी ठंडा करने का प्रयास करता है हवा में पानी का धुआँ जो कांच के द्रव्यमान के साथ परस्पर क्रिया करता है और कम तापमान के कारण धूआं द्रव और कांच के बाहर पानी के मोतियों के रूप में दिखाई देता है।
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