Hindi, asked by vasanthvelavan7735, 11 months ago

बरसे बदरिया सावन की कविता का मूल भाव लिखिए

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Answered by MohdShahvaz
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बदरिया= छाए हुए बादल

सावन=श्रवण, भारतीय पंचांग(कलेंडर) का पाँचवाँ महीना जो वर्षा के लिए प्रसिद्ध है।

मनभावन=मन को अच्छा लगने वाला

उमग्यो=उल्लसित होना, खुश होना

भनक=संकेत

आवन=आने

चहुँदिसी=चारों दिशा

दामिन=बिजली

दमके= चमके

भावार्थ :

सावन के बादल बरसने वाले हैं।

ये मन को अच्छा लगने वाला सावन का महीना है।

सावन में मेरा मन खुश है क्योंकि मुझे मेरे प्रभु (कृष्ण) के आने का संकेत मुझे मिल रहे हैं।

बादल इस धरती को चारो ओर से घेर चुके हैं और बीजली चमक रही है।

छोटी-छोटी से पानी/वर्षा बरस रही है और ठंडी हवा प्रवाहित (बह) रही है।

मीरा अपने प्रभु श्री कृष्ण के आने के प्रसंग में आनंद और मंगल का गीत गाएगी।

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