Hindi, asked by sumankumari61638, 17 days ago

बरसे बदरिया सावन की। सावन की. मन-भावन की। सावन में उमग्यो मेरो मनवा, भनक सुनी हरि आवन की। उमड़-घुमड़ चहुँदिस से आया, दामिन दमकै झर लावन की।। नन्हीं-नन्हीं बूंदन मेहा बरसे, शीतल पवन सुहावन की। मीरा के प्रभु गिरधर नागर! आनंद-मंगल गावन की।​

Answers

Answered by kanyaambhore32
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Explanation:

माफ करना ये कोई प्रश्न नही लग रहा .

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