२ बरसात की सूंदों में जीतन है। कथा का समर्थन
8-10 वाक्यो में किजिम्मा
karma
10
Answers
Answer:
प्रथम बूंद वर्षा की जब
अंगों पर साकार हुई।
जीवन के मरुथल में जैसे
अमृत का आकार हुई।
छन छन करती बूंदे,
जलबिंदु की मालाएं।
भरतनाट्यम करती जैसे,
छोटी छोटी बालाएं।
घनन घनन करते है बादल
ज्यों जीवन का शोर सखे।
टप टप करती बूंदे नाचें
ज्यों जंगल में मोर सखे।
आज प्रथम बारिश में भीगे,
सुख का वो आधार सखे।
जलती सी धरती पर जैसे,
शीतल जल की धार सखे।
छपक छपक बच्चे जब नाचें,
सड़कों और चौबारों पर।
वर्षा की धुँधयाली छाई,
गांवों बीच बाजारों पर।
सूखे ताल तलैय्या देखो,
भर गए मेघ के पानी से।
रीते रीते से तन मन में,
जैसे आये जोश जवानी से।
ठंडा सा अहसास दिलाती
देखो बारिश मुस्काई।
चाँद टहलता बादल ऊपर
तारे खेलें छुपा छुपाई।
कोयल बोली कुहुक कुहुक
दादुर ने राग अलापा है।
चिड़ियों की चीं चीं चूं चूँ से
गूंजा सुनसान इलाका है।
सूखे ठूंठों पर भी अब देखो,
नई कोपलें इतराईं।
जैसे नीरस बूढ़े जीवन में,
आशा की कलियां मुस्काईं।
हँसते हुए पेड़ पौधे हैं,
जैसे बच्चे मुस्काते।
बारिश की नन्ही बूंदों में,
हिलते डुलते इतराते।
अंदर के बचपन ने देखो,
फिर से ली अंगड़ाई है।
बारिश की बूंदों से देखो,
कर ली मैंने लड़ाई है।
बच्चा बन पानी में उछला,
उमर छोड़ दी गलियों में।
सड़क के बच्चों संग मैं कूदा,
कीचड़ वाली नलियों में।
Answer:
hsbsgshdgdhhdndbdhuevehe7hdhd
Explanation:
i need points because today is my exam so I need to ask a question I have not points sorry bro