बरसात के दिन anuched in less than 120 words
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बरसात के दिन
सर्दी, गर्मी, बसन्त, पतझड़ ऋतुओं की इस श्रृंखला में वर्षा ऋतु का एक महत्वपूर्ण स्थान है। गर्मी के उमस और गर्म दिनों के बाद सभी को बरसात की प्रतीक्षा होती है।
भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ बरसात का महत्व और भी अधिक है। गांवों की खुशहाली बरसात पर निर्भर करती है। अच्छी बरसात और अच्छी फसल होने से कृषकों के घर परिवार धन धान्य से भर जाते हैं। अच्छी वर्षा होने से नदियों में जल स्तर में वृद्धि होती है। बिजली का उत्पादन भी अधिक होता है।
पर हम बच्चों के लिये बरसात एक अलग ही महत्व रखती है। वर्षा के साथ आने वाली मस्ती हमें शरारती बना देती है। हमारे शरीर में एक नये जोश का संचार होता है। पिछले वर्ष बरसात का महीना बहुत बढ़िया निकला। उसका एक दिन तो मैं कभी नहीं भूल सकता।
मैं अपने मित्रों के साथ विद्यालय से वापस आ रहा था कि अचानक बादलों की गड़गड़ाहट, बिजली की चकाचौंध से हम सजग हो गये। सूरज छिप गया। बादल छा गये। अँधेरा होने लगा। कुछ ही क्षणों में पानी बरसने लगा। साथ ही तेज हवायें चलने लगीं। जैसे सब कुछ उड़ा कर ले जायेगी। हम सब पहले एक पेड़ के नीचे खड़े हुए, पर वहाँ भी भीग गये तो रास्ते में बड़े से घर के आंगन की छत के नीचे खड़े हो गये। हमारे अतिरिक्त वहाँ कुछ अन्य राहगीर भी बरसात से बचने के लिए खड़े थे।
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Explanation:
मुझे बरसात का मौसम बहुत पसंद है। मैं बरसात के मौसम में गर्म और मसालेदार भोजन करता हूं क्योंकि तापमान अन्य दिनों की तुलना में ठंडा होगा। मैं रेनकोट, बूट और कई अन्य कपड़े पहनता हूं जो ठंड और बारिश से मदद करता है। मैं हमेशा घर के अंदर रहें क्योंकि हम ठंड को पकड़ सकते हैं। अगर हम रेनकोट और बूट पहनते हैं तो हम आर के साथ खेल सकते हैं। और यदि आप बहुत शरारती हैं तो हम बिना रेनकोट या बूट के बारिश के साथ खेलेंगे। हम बारिश के मौसम में अधिक टीवी देखते हैं।