Hindi, asked by arpitad24, 3 days ago

बरसहिं जलद कविता का भावार्थ लिखिए

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Answered by sautik56
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अब सब लोग नल पर टूट पड़े । यहाँ भी वह घमासान मची कि क्या मजाल जो एक बूंद पानी भी किसी के बर्तन में आ सके । टूसम-ठास! किसी बरसहिं जलद कविता का भावार्थ लिखिए

Answered by omayur99
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ANSWER

अर्थ -> कवि कहते हैं कि आकाश में बादल उमड़-घुमड़कर भयंकर गर्जना कर रहे हैं । (श्रीरामजी कह रहे हैं कि) प्रिया (श्रीसीता जी) के बिना मेरा मन डर रहा है। बिजली आकाश में ऐसे चमक रही है, जैसे कि दुष्ट व्यक्ति की क्षणिक मित्रता जो बिजली की तरह चमक कर लुप्त हो जाती है। बादल पृथ्वी के काफ़ी नीचे उतरकर बरस रहे हैं।

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