Brij Bhoomi ke Prati Kavi ka Prem kin kin Roop mein abhivyakt hua hai of class 9 chapter savaye
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कवि का जो प्रेम कृष्ण के प्रति है वह सभी हदों से परे है और बहुत गहरा प्रेम है | कवि को लगता है की ब्रज की हर एक एक वस्तु व कण कण मे कृष्ण ही दिखाई देते हैं इसलिए कवि ब्रज के तालाब , वन, और बाग को निहारते ही रहना चाहता है |
Explanation:
उत्तर: कवि ने ब्रज की भूमि के प्रति अपने गहन प्रेम को कई रूपों में प्रस्तुत किया है। कवि की मन है कि वे चाहे जिस भी रूप में जन्म लें,वो हर रूप में ब्रजभूमि में ही हुआ करें। यदि इंसान का हों तो गोकुल के ग्वालों के रूप में होना चाहिए। यदि जानवर हों तो कृष्णकी गायों के साथ चरते रहना चाहिए।अगर पत्थर हों तो उस बड़े गोवर्धन पर्वत पर होना चाहिए जिसे भगवान ने अपनी उंगली पर बड़े आराम से उठा लिया था। अगर पक्षी हों तो उन्हें यमुना नदी के किनारे किसी पैड की डाल पर बसेरा होना था | इसलिए कवि को लगता है की ब्रज की हर एक एक वस्तु व कण कण मे कृष्ण ही दिखाई देते हैं इसलिए कवि ब्रज के तालाब , वन, और बाग को निहारते ही रहना चाहता है |
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