Britain 1793 se 18 15 tak ka yuddh Mein lipt Raha Iske Britain ke Udyog per kya Prabhav Pada
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ग्रेट ब्रिटेन राजशाही या ग्रेट ब्रिटेन राजतंत्र, आधिकारिक रूपसे:ग्रेट ब्रिटेन, पश्चिमी यूरोप में १ मई १७०७ से १३ दिसंबर १८०० तक विद्यमान, यूनाइटेड किंगडम का पूरक राज्य था। ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना १७०६ को अंग्रेज़ी राजशाही और स्कोटियाई राजशाही के बीच तय किये गए विलयके समझौतेका १७०७में विलय के अधिनियमों के रूपमें पारित होनेके कारण हुआ था। इन अधिनोइयमोंके कारण, पूर्व आंग्ल राजतंत्र और स्कॉट राजतंत्रका एक शासक, एक संसद तथा एक व्यवस्था के साथ, एकही राजतांत्रिक इकाईके रूपमें विलय होगया, जिसका विस्तार पूरे ग्रेट ब्रिटेन और उसके निकट के द्वीपों पर अधिपत्य था। इस राजतंत्र का अधिआसन, लंदन का वेस्टमिंस्टर शहर था। यह एक पूर्णतः एकात्मक राज्य राज्य था, और इसकी राजनीतिक व्यवस्था में स्कॉटलैंड और इंग्लैंड के बीच किसी प्रकार का संघीय या महासंघिया संबंध नहीं था। इंग्लैंड और स्कॉटलैंड (और आयरलैंड) सन् १६०३ में एलिज़ाबेथ प्र॰ के देहांत पश्चात् जेम्स प्रथम की सिंघासन-उत्तराधिकृति से एक व्यक्तिगत विलय की स्थिती में थे। हालाँकि, इंग्लैंड और आयरलैंड का विलय हो गया था, परंतु आईरिस राज्य, ग्रेट ब्रिटेन का हिस्सा नहीं था, और वह एक स्वतंत्र प्रदेश था।
१ जनवरी १८०१, को ग्रेट ब्रिटेन राजशाही का आयरिश राजशाही के साथ विलय होगया और ग्रेट ब्रिटेन और आयरलैंड की यूनाइटेड किंगडम की स्थापना हुई। १९२२ में, आयरलैंड का पांच-छ्याई भाग, इस यूनाइटेड किंगडम से निकल गया और इस राज्य का पुनःनामकरण कर, इसका नाम ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड की यूनाइटेड किंगडम कर दिया गया, जोकि आज विद्यमान है।
इस संयुक्त राज्य के शुरूआती वर्ष, जकॉबियाइ जागरणों से भरे थे, जो १७४६ में स्टुअर्टवंशी चार्ल्स एडवर्ड स्टुअर्ट की हार के साथ समाप्त हुए। तत्पश्चात् १७६३ में सप्तवर्षीय युद्ध में विजय ने सर्वप्रथम वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित कर दिया, जोकि अगले १०० वर्षों में इतिहास के बृहत्तम् साम्राज्य के रूप में विकसित हुई।
Explanation:विलय की संधि तथा विलय के अधिनियमों में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड को "ग्रेट ब्रिटेन के नाम से एक राजशाही के रूप में संयुक्त" करने की बात की गयी है।[1] जिससे यह प्रतीत होता है की आधिकारिक नाम ग्रेट ब्रिटेन ही था। हालाँकि, दो अधिनियमों तथा संदिग्ध के दस्तावेज़ में "यूनाइटेड किंगडम"("यूनाइटेड किंगडम") और उसका लंबा रूप "ग्रेट ब्रिटेन की यूनाइटेड किंगडम"(यूनाइटेड किंगडम ऑफ़ ग्रेट ब्रिटेन) के भी उल्लेख कई बार मिलता है।[2][3][4][5][6][7][8][9] इसके अलावा यूनाइटेड किंगडम नाम और भी कई दस्तावेज़ों में पाया जा सकता है तथा इस बात का भी प्रमाण है की इस देश को अनौपचारिक रूप से भी "यूनाइटेड किंगडम" कहा जाता था।[10][11]
इतिहास
विलय
वर्ष १७०७ तक स्कॉटलैंड और इंग्लैंड करीब १०० सालों से एक ही शासक को साझा कर रहे थे। यह सिलसिला 1603 में स्कॉटलैंड के जेम्स षष्टम् द्वारा अपनी चचेरी बहन इंग्लैंड की एलिजाबेथ प्रथम की मृत्यु के बाद अंग्रेजी सिंहासन को उत्तराधिकृत करने तथा दोनों राजमुकुटों के विलय द्वारा शुरू हुआ था। हालाँकि, इसे राजमुकुटों का विलय कहा गया था, परंतु वास्तविक तौर पर, दोनों देशों के शासक एक ही थे, परंतु दोनों की सरकार और प्रशासनिक व्यवस्थापिका बिलकुल विभक्त और भिन्न था। इन दोनों राष्ट्रों का एक ही देश में विलय करवाने का प्रयास इससे पहले भी कई बार किया जा चूका था, परंतु १८वीं सदी से पहले तक इस सुझाव को दोनों पक्षों की राजनीतिक व्यवस्थापिक का समर्थन प्राप्त नहीं था। परंतु १८वीं सदी में हुए विभिन्न अंदरुनी राजनैतिक परिवर्तनों के कारण विलय की यूजन को बाल मिला, और स्कॉटलैंड और इंग्लैंड की संसद में विलय के अधिनियमों को पारित किया गया। इन्हें दोनों सांसदों के प्रतिनिधियों द्वारा 22 जुलाई १७०६ को हस्ताक्षर किए गए विलय की संधि(ट्रीटी ऑफ़ यूनियन) को लागू करने के लिए पारित किए गए थे।
ये अधिनियम १ मई १७०७ से लागु हुए। उस दिन से स्कोटियाई संसद और अंग्रेज़ी संसद का विलय होकर ग्रेट ब्रिटेन की संसद की स्थापना हुई। साथ ही इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के विलय से ग्रेट ब्रिटेन की स्थापना हुई। इस विलायकृत संसद का आसान लंदन का वेस्टमिंस्टर का महल था, जिसमें पूर्वतः अंग्रेज़ी संसद बैठ करती थी। रानी ऐनी इस संयुक्त राजतंत्र की पहली शासक तथा स्टुअर्ट वंश की अंतिम शासक बनीं। उनके निधन के बाद, ऍक्ट ऑफ़ सेटलमेंट, १७०१ के शर्तों के अंतर्गत हॅनोवर की निर्वाचिका, सोफ़िया के पुत्र, राजा जॉर्ज प्रथम ने सिंघासन पर विराजमान होकर ग्रेट ब्रिटेन पर हनोवर वंश के राज की शुरुआत की।
फ्रांस और स्पेन के विरुद्ध युद्ध