BRITAIN ekikaran par note in hindi class 10th
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10 इतिहासStudytik✔
यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय
इस अध्याय की मुख्य बातें:
यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय
फ्रांसीसी क्रांति
नेपोलियन का शासन और उसके प्रभाव
जर्मनी में राष्ट्र की स्थापना
इटली का एकीकरण
ब्रिटेन की अलग कहानी
बाल्कन का क्षेत्र
साम्राज्यवाद और राष्ट्रवाद
राष्ट्रवाद: जो विचारधारा किसी भी राष्ट्र के सदस्यों में एक साझा पहचान को बढ़ावा देती है उसे राष्ट्रवाद कहते हैं। राष्ट्रवाद की भावनाओं की जड़ें जमाने के लिये कई प्रतीकों का सहारा लिया जाता है; जैसे राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रगान, आदि।
यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय: उन्नीसवीं सदी के मध्य तक यूरोपीय देशों का रूप वैसा नहीं था जैसा कि आज है। विभिन्न क्षेत्रों पर अलग-अलग वंश के लोग राज करते थे। इन इलाकों में राजतंत्र का शासन हुआ करता था। उस काल में कई ऐसे तकनीकी परिवर्तन हुए जिनके कारण समाज में अभूतपूर्व बदलाव आये। समाज में आये इन परिवर्तनों ने लोगों में राष्ट्रवाद की भावना को जन्म दिया।
नये राष्ट्रों के निर्माण की प्रक्रिया 1789 में शुरु होने वाली फ्रांस की क्रांति के साथ शुरु हो गई थी। लेकिन किसी भी नई विचारधारा की तरह राष्ट्रवाद को भी अपनी जड़ जमाने में लगभ एक सदी लग गया। इस लंबी प्रक्रिया के अंतिम चरण में फ्रांस का एक प्रजातांत्रिक देश के रूप में गठन हुआ। उसके बाद यह सिलसिला यूरोप के कई अन्य देशों में भी चलने लगा। बीसवीं सदी की शुरुआत आते आते विश्व के कई हिस्सों में आधुनिक प्रजातंत्र की स्थापना हुई।