British shasan ka Bharat par kya Prabhav Pada samjhaie
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भारत में अंग्रेजों के शासनकाल को कुछ इतिहासकारों ने सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा है। उनके मुताबिक भारत में अंग्रेजी शासन का सार्थक प्रभाव पड़ा। वे मानते हैं कि इससे पूर्व भारत एक अंधे दौर से गुजर रहा था। उस समय भारतीय समाज कुरीतियों से भरा पड़ा था। भारतीय राजव्यवस्था और अर्थव्यवस्था कुव्यवस्था में जकड़ी हुई थी। अशिक्षा, निर्धनता, संप्रदायवाद, जातिवाद, बाल विवाह और असामाजिकता जैसे वातावरण में लिपटा हुआ था। इतिहासकारों का मानना है कि अंग्रेजी शासनकाल में इन कुरीतियों को एक तरह धो डाला था। भारत में अंग्रेजी शासन का क्या प्रभाव पड़ा, इस पर आज भी विद्वानों में चर्चा जारी है। दादा भाई नौरोजी जैसे राष्ट्रवादी ने इस बारे में कहा कि अंग्रेज भारत का शोषण कर रहे हैं तथा भारतीय धन का प्रवाह ब्रिटेन की ओर कर रहे हैं। नौरोजी के उक्त विचार भारता में अंग्रेजी साम्राज्य के उद्देश्यों का दर्पण हैं। भारत में अंग्रेजी शासन के प्रभाव को इस रूप में देखते हैं।
भारत की स्वतंत्रता और उसके बाद भारत में संसदीय प्रणाली, एक-व्यक्ति को एक मत का अधिकार और निष्पक्ष न्यायालय आदि ब्रितानी शासन की देन है। भारत में जिला प्रशासन, विश्वविद्यालय और स्टॉक एक्सचेंज संस्थागत व्यवस्था भी ब्रितानी शासन की दैन है। ब्रितानी शासन की सबसे बड़ी दैन अलग-अलग रियासतों में शासन से भारत को मुक्त करना है। मेटकाफ के अनुसार दो सदी के शासन ने ब्रिटिश बुद्धिजीवियों और भारतीय विशेषज्ञों की प्राथमिकता भारत में शान्ति, एकता और अच्छी शासन व्यवस्था कायम करना रहा।
Answer:
British shasan ka bharat par yah prabhav pda jab British se hamara desh ajad hua tha tab unke Jane ke baad bhi unki bhasa or kuch sanskritiyan yehi reh gyi jinke karan hamari matri bhasa par bhi bhout prabhav pda or British bhasa hi pramukh bhasa ban gyi or hamari matri bhasa Aam bhasa ban gyi.
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