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डायरी के पन्ने
डायरी के पन्ने
नोटबुक दी गयी ,तभी उसने यह तय कर लिया था कि इस नोटबुक को वह अपने डायरी बनाएगी .डायरी उसने उपहार में ही मिली गुड़िया - किट्टी को संबोधित करके लिखनी शुरू की . गोपनीय जीवन की तब शुरुवात नहीं हुई थी ,लेकिन महीने भर के अन्दर वह नौबत आ पड़ी .एन की डायरी लिखना जारी रहा . आखिरी हिस्सा उसने अगस्त ,१९४४ को लिखा ,जिसके तीन दिन बाद वह दूसरे सात लोगों समेत नाज़ी पुलिस के हत्थे चढ़ गयी .संयोग से उसकी डायरी पुलिस के हाथ नहीं लगी और यातनागृह से जीवित निकल आने वाले ऑटो फ्रंक्स ने जब उसे पढ़ा ,तो वे अपनी छोटी - सी - बिटिया के लेखन की गहराई और नाज़ी दमन के दस्तावेज़ के रूप में उस लेखन महत्व के कायल हो गए .उन्होंने हर संभव कोशिश करके १९४७ में इस डायरी को प्रकाशित करवाया और धीरे - धीरे वह दुनिया की सबसे अधिक पढ़ी जाने किताबों की सूचि में शामिल हो गयी .
यह डायरी इतिहास के एक सबसे आतंक प्रद और दर्दनाक अध्याय के साक्षात अनुभव का बयान करती है .हम यहाँ उस भयावह दौर को किसी इतिहासकार की निगाह से नहीं ,सीधे भोक्ता की निगाह से देखते हैं और यह भोक्ता ऐसा है ,जिसकी समझ और संवेदना बहुत गहरी तो है ही ,उम्र के साथ आपने वाले दूषण से पूरी तरह अछूती भी है .इस पुस्तक के हिंदी अनुवाद में इसका परिचय देते हुए ठीक ही लिखा गया है - "इस डायरी में भय ,आतंक ,भूख ,प्यार ,मानवीय संवेदनाएँ ,प्रेम ,घृणा ,बढती उम्र की तकलीफें ,हवाई हमले के डर ,पकडे जाने का लगातार डर ,तेरह साल के उम्र के सपने ,कल्पनाएँ ,बाहरी दुनिया से अलग - थलग पड़ जाने की पीड़ा ,मानसिक और शारीरिक जरूरतें ,हँसी - मज़ाक ,युद्ध की पीड़ा ,अकेलापन सभी कुछ है .यह डायरी यहूदियों पर ढाए गए जुल्मो का एक जीवंत दस्तावेज़ है . "
डायरी के पन्ने ऐन फ्रैंक प्रश्न उत्तर diary ke panne anne frank questions and answers अभ्यास -
प्र.1. ”यह साठ लाख लोगों की तरफ़ से बोलने वाली एक आवाज़ है। एक ऐसी आवाज़, जो किसी संत या कवि की नहीं, बल्कि एक साधारण-सी लड़की की है।”इल्या इहरनबुर्ग की इस टिप्पणी के संदर्भ में ऐन फ्रैंक की डायरी के पठित अंशों पर विचार करें।
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dinlekha an franke kio hompadona korisil