Hindi, asked by Dakshsheoran, 7 months ago

बसों की कुव्यवस्था से चिंतित सखियों की बातचीत ।संवाद लिखिए​

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Answered by hemavenkat82
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1.चीनी सामान का बहिष्कार करते हुए दो दोस्तों के बीच संवाद|

सोनू : मोनू एक बात बताओ तुम्हें लगता है क्या हमें चीनी सामान का बहिष्कार करना चाहिए |

मोनू: हाँ, सही कह रहे हो हमें कोई भी चीनी सामान नहीं खरीदना चाहिए |

सोनू : सारा लाभ तो यह चीनी कम्पनियां ले जाती है |  

मोनू: हमें कुछ नहीं मिलता और यह चीनी मॉल जल्दी खराब हो जाता है |

सोनू : मुझे तो चीन देश ही अच्छा नहीं लगता जब से उसने बहार का साथ नहीं दिया था |  

मोनू:  किस बारे में बोल रहे हो |  

सोनू : उस समय की बात जब चीन ने पाकिस्तान का साथ दिया था , और भारत का नहीं मैंने उसी दिन सोच लिया मैं चीनी सामान ना खरीदूंगी ना इस्तेमाल करूंगी|  

मोनू: सही बोल रहे हो , चीनी समान लेना ही नहीं बिलकुल अपने देश के सामान इस्तेमाल करेंगे |

सोनू : चीनी सामान के बहिष्कार अभियान का भरपूर समर्थन किया जाना चाहिए।  

मोनू: जब हम चीन का सामान खरीदना बंद कर देंगे  तो दुकानदार भी सामान लेना बंद करेंगे , जब तक हम खरीदेंगे, तब तक दुकानदार भी चीन का सामान बेचने के लिए रखेगा|

2. स्वच्छ भारत पर गाँव की दो महिलाओं की बातचीत।

महिला1: कितना अच्छी योजना निकली भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करके मैं तो बहुत खुश हूँ |

महिला2: सही बोल रही हो मैं बहुत खुश हूँ , अब सब के घरों में शौचालयों का निर्माण होगा|  

महिला1: खुले में शौच करना भी सब बंद हो जाएगा |  

महिला2: सब सफाई का ध्यान रखेंगे और अच्छी बात यह होगी अब बीमारियाँ भी कम हो जाएगी |

महिला1: बच्चों को भी यही सिखाना होगा और बच्चे भी  कम बीमार पड़ेंगे |

महिला2: सब जगह सफाई-सफाई सब बहुत अच्छा लगेगा |

महिला1: यह तभी कामयाब होगा जब सब मिलकर साथ देंगे |

3.परीक्षा की तैयारी को लेकर दो मित्रों के बीच संवाद।।

कृष्ण: हेलो अजय और सुनाओ कैसी चल रही परीक्षा की तैयारी?

अजय : ठीक ही चल रही है तुम बताओ?

कृष्ण: कर रहा हूँ छुट्टियों में मन नहीं करता पढ़ने का डर लगा रहता है परीक्षा आने वाली है|

अजय : सही कह रहे हो , ऐसा होता है | मेरे साथ ऐसा होता है |

कृष्ण: मैं रोज़ सुबह सोचता हूँ यह सब विषय पढूंगा लेकिन पढ़ नहीं पाता हूँ |

अजय : समझ नहीं आता क्या-क्या पढ़े |  

कृष्ण: मुझे सच में डर लग रहा है परीक्षा का |

अजय : मैं सोच रहा हूँ कल साथ में पढ़ते और अच्छी तैयारी हो जाएगी |

कृष्ण: यह तो बहुत अच्छी बात है एक दिन तेरे घर पर  पढ़ लेंगे एक दिन मेरे |

अजय : ठीक है कल से मिलकर तैयारी करते है |

4.बसों को कुव्यवस्था से चिंतित दो सखियों की बातचीत लिखिए।

सोनिया : मोनिका तुम रोज़ स्कूल के लिए लेट क्न्यु हो जाते हो?

मोनिका : यार क्या बताऊँ सोनिया बसों को कुव्यवस्था से बहुत परेशान हूँ |

सोनिया : क्या हुआ ?

मोनिका : हमारे घर के पास से जो बसें आती है वह  बहुत कम है , बस समय से आती है कभी-कभी मेरी बस छूट जाती है|  

सोनिया : सच में यह तो बड़ी परेशानी वाली बात है |

मोनिका : बस में बहुत भीड़ होती है, सिट कभी भी नहीं मिलती | रोज़ खड़े हो कर आना पड़ता है |

सोनिया : आप लोग सब मिलकर शिकायत करो और बसें लगाने को कहो|

मोनिका : बहुत बरी बोल चुके विधायक को भी पर आगे तक कोई जाता ही नहीं, परेशान तो हम बच्चे हो रहे है |

5. विदयाथी के गृहकार्य न करने पर अध्यापिका व विद्यार्थी के बीच संवाद।

अध्यापिका: सोहन यह तुम्हारी कापी है |

विद्यार्थी : हां जी मैडम |

अध्यापिका: तुम गृहकार्य क्न्यु नहीं करते हो मैं रोज़ देखती हूँ तुम कभी भी नहीं करते  हो |

विद्यार्थी : मैं करना भूल जाता हूँ |

अध्यापिका: यह क्या बात हुई सब भी करते है तुम भी याद रखा करो |  

विद्यार्थी :  मैं कल से करूंगा मैडम |

अध्यापिका: मैं तुम्हें आज अंतिम बार बोल रही हूँ आगे कल तुमने गृहकार्य नहीं किया तो मैं तुम्हारे घर पर शिकायत करूंगी|

विद्यार्थी : मुझे माफ़ कर दो मैडम मैं कल से गृहकार्य करूंगा

Answered by syed2020ashaels
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बसों की कुव्यवस्था से चिंतित सखियों की बातचीत:

संजना– हेलो ,अलका बहन नमस्ते! कैसी हो और घर में सब कैसे हैं?

अलका – नमस्ते संजना, मैं ठीक हूँ पर बसों की कुव्यवस्था ने दुखी कर दिया है।

संजना – सही कहती हो बहन, अब तो हर चीज के दाम आसमान छूने लगे हैं।

अलका – हां यार , मुझे बहुत परेशानी हो रही हैं, दफ्तर आने जाने में और इससे सारा बजट खराब हो गया है।

संजना– नौकरी, रोज़गार, आम आदमी ,गरीब आदमी , सभी परेशान हैं।

अलका –सच में , हद ही हो गई है। अब तो बस भी प्राइवेट होने वाली हैं । पहले ही इतनी महंगाई थी और बढ़ती जा रही हैं

संजना– कैसे ज्यादा परेशान हो कुछ हुआ हैं।

अलका – क्या ही बताऊ बहन , जहां कई फरीदाबाद से दिल्ली ₹40 में जाती थी अब उसका किराया ₹100 हो गया हैं ।

संजना –मेट्रो भी कौनसी सस्ते हैं।₹50 तक बढ़ोतरी हो गई हैं।

अलका – सरकार भी कुछ नहीं करती बस बाते बनाती हैं महँगाई कम करने के लिए। वैसे जनता की भलाई के दावे करती है। यहाँ आम जनता के लिए आने जाने की सुविधा भी नही हो रही ।

संजना – नेतागण बस व्यापारियों से चुनाव में मोटा चंदा लेते हैं फिर सरकार बनते ही कार्यवाही क्या हैं और कैसे करे सब भूल जाते हैं।

अलका –देख बहन , गरीबों को तो ऐसे ही पिसना थे, हैं , और आगे होगा।

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