Hindi, asked by chimukumari2018, 9 months ago

बसो मेरे नैनन में नंदलाल मोहनी मूरत सावरी सुरति नैना बने विसाल अधर सुधारा से मुरली राजति उर बैजंती माल सुंदर घटिका कटि तट सोभित नूपुर सबद रसाल मीरा के प्रभु संतन सुखदाई भक्त बछल गोपाल सप्रसंग व्याख्या कीजिए​

Answers

Answered by anitasingh0955
15

Answer:

राधा जी कहती हैं की मेरे नेत्रो में बस जाओ नंदलाल

विशाल नेत्रों वाले नंदलाल जी आपकी सूरत मोहिनी और साउली है.

मुरलीधर सहित बैजंती माला धारण किये हुए सुशोभित हो रहे हैं.

घाट के तट पर सोभित , नूपुर सबद रसाल .

प्रभु संतान की सुखदाई मीरा, गोपाल की भक्त है।

Explanation:

hope it will help you....

Similar questions