बसंत ऋतु ,वर्षा ऋतु और मेरा गांव पर निबंध
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Explanation:
मानव जीवन के समान ही प्रकृति में भी परिवर्तन आता रहता है. जिस प्रकार जीवन में सुख-दुःख, आशा-निराशा की विपरीत धाराएँ बहती रहती हैं, उसी प्रकार प्रकृति भी कभी सुखद रूप को प्रकट करती है जो कभी दुखद । सुख के बाद दुःख का प्रवेश कुछ अधिक कष्टकारी होता हैं । बसन्त ऋतु की मादकता के बीच ग्रीष्म का आगमन होता है । ग्रीष्म ऋतु में प्रकृति का दृश्य बदल जाता है । बसन्त ऋतु की सारी मधुरता न जाने कहां चली जाती हैं । फूल मुरझा जाते है । बाग़-बगीचों से उनकी बहारें रूठ जाती हैं । गर्म लुएं सबको व्याकुल कर देती हैं । ग्रीष्म ऋतु के भयंकर ताप के पश्चात वर्षा का आगमन होता है । वर्षा ऋतु प्राणी जगत् में नए प्राणों का संचार करती है .बागों की रूठी बहारें लौट आती हैं । सर्वत्र हरियाली ही हरियाली दिखाई देश है ।0
वर्षा ऋतु पर निबंध: वर्षा ऋतु, या गीला मौसम, चार सत्रों में से एक है जब क्षेत्र की औसत वर्षा प्राप्त होती है। ... आम तौर पर, बरसात का मौसम गर्मी और मौसम की चरम सीमा से पहले की अत्यधिक गर्मी से राहत देता है।