बताइए
(Writing Skills)
1. निम्न तत्पुरुष समासों का विग्रह कीजिए (Separate the compound and write)-
देशरत्न
བ་ ་་་་་་
་་་
गृहकार्य
हृदयरोग
हथघड़ी
रसोईघर
भंडारघर
2. निम्न समस्त-पदों का विग्रह करके इनके भेदों के नाम लिखिए (Separate the compound
and write its kind)-
निर्जल
चौराहा
लंबोदर
3. निम्न शब्दों से समास बनाइए (Make the compound word of the following)-
न परिचित
देश का प्रेमी
गुरु और शिष्य
पीत है जो अंबर
वायु का यान
हाथ ही हाथ में
Answers
Answer:
निम्नलिखित विग्रहों के समस्त पद बनाकर समास के नाम लिखिए-
(अ) विधि के अनुसार (ब) पाँच तत्वों का समूह
उत्तर :-
(अ) विधि के अनुसार का समस्त पद है :-यथाविधि ( तत्पुरुष समास )
(ब) पाँच तत्वों का समूह का समस्त पद है :- पंचतत्व ( द्विगु समास )
समास का मतलब है संक्षिप्तीकरण। दो या दो से अधिक शब्द मिलकर एक नया एवं सार्थक शब्द की रचना करते हैं। यह नया शब्द ही समास कहलाता है।
यानी कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक अर्थ को प्रकट किया जा सके वही समास होता है।
समास के उदाहरण : -
1. कमल के सामान चरण : चरणकमल
2. रसोई के लिए घर : रसोईघर
3. घोड़े पर सवार : घुड़सवार
4. देश का भक्त : देशभक्त
5. राजा का पुत्र : राजपुत्र आदि।
सामासिक शब्द या समस्तपद : जो शब्द समास के नियमों से बनता है वह सामासिक शब्द या समस्तपद कहलाता है । पूर्वपद एवं उत्तरपद : सामासिक शब्द के पहले पद को पूर्व पद कहते हैं एवं दुसरे या आखिरी पद को उत्तर पद कहते हैं।
समास के छः भेद होते है : -
1. तत्पुरुष समास
2. अव्ययीभाव समास
3. कर्मधारय समास
4. द्विगु समास
5. द्वंद्व समास
6. बहुव्रीहि समास
1. तत्पुरुष समास :- जिस समास में उत्तरपद प्रधान होता है एवं पूर्वपद गौण होता है वह समास तत्पुरुष समास कहलाता है। जैसे:
धर्म का ग्रन्थ : धर्मग्रन्थ
राजा का कुमार : राजकुमार
तुलसीदासकृत : तुलसीदास द्वारा कृत
2. अव्ययीभाव समास : -
वह समास जिसका पहला पद अव्यय हो एवं उसके संयोग से समस्तपद भी अव्यय बन जाए, उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। अव्ययीभाव समास में पूर्वपद प्रधान होता है। अव्यय : जिन शब्दों पर लिंग, कारक, काल आदि शब्दों से भी कोई प्रभाव न हो जो अपरिवर्तित रहें वे शब्द अव्यय कहलाते हैं। अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर, आदि आते हैं। जैसे:-
आजन्म: जन्म से लेकर
प्रतिदिन : दिन-दिन
3. कर्मधारय समास :-
वह समास जिसका पहला पद विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य होता है, अथवा एक पद उपमान एवं दूसरा उपमेय होता है, उसे कर्मधारय समास कहते हैं। कर्मधारय समास का विग्रह करने पर दोनों पदों के बीच में ‘है जो’ या ‘के सामान’ आते हैं। जैसे:
महादेव : महान है जो देव
दुरात्मा : बुरी है जो आत्मा
करकमल : कमल के सामान कर
4. द्विगु समास :-
वह समास जिसका पूर्व पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद समाहार या समूह का बोध कराए, उसे द्विगु समास कहते हैं। जैसे:
दोपहर : दो पहरों का समाहार
सप्ताह : सात दिनों का समूह
5. द्वंद्व समास :-
जिस समस्त पद में दोनों पद प्रधान हों एवं दोनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, या ‘एवं ‘ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। जैसे:
अन्न-जल : अन्न और जल
अपना-पराया : अपना और पराया
6. बहुव्रीहि समास : -
जिस समास के समस्तपदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं हो एवं दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की और संकेत करते हैं वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है। जैसे:
गजानन : गज से आनन वाला
त्रिलोचन : तीन आँखों वाला
मुरलीधर : मुरली धारण करने वाला
Explanation:
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