बद सुने सब कोय, कोकिला सबै महाल
ह'गिरिधर कविराय' सुना हा ठाकुर मन है।
नुगुनलहे न कोय, सहस नर गाहक मुक
लयाँ
की नीति कुटलियों में ही सामान का गलना की जिनकी भाषा प्रत्याशी और पजावी
शब्द-अर्थ
= के गाहक सहस नर, बिनु गुन लहै २३
से कागा कोकिला, सबद सुनै सब की
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ध्यान दें-
पाठ-बोध (लिखित प्रश्न)
मौखिक प्रश्न
सहनों मानव किसके ग्राहक होते हैं और को
) कोयल सभी को प्यारी क्यों लगती है?
दौलत का चमंड क्यों नहीं करना चाहिए?
कैसे व्यक्ति चित्त में चैन नहीं पाते हैं?
1. सोचिए और लिखिए-
(क) 'ठाउँन रहत निदान' का अर्थ है?
(ख) इस संसार में यश कमाने के लिए या कालावहिर
(ग) कवि ने पहले पद में क्या संदेश दिया है?
(ब) कवि धन से अधिक महत्वपूर्ण किसे मानते हैं?
(छ) कवि ने ऐसा क्यों कहा है-चंचल जल दिन चरिको
(च) किसी भी काम को करने से पहले काकनवांदरी
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