Hindi, asked by shabanasaifi006, 1 month ago

बदलू को हार कर भी हार नहीं मानी मानी यह लेखक को कैसे पता चला​

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Answered by sachinkumar500
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Answer:

जब लेखक ने बदलू के बेटी के हाथों में लाख की चूड़ियां देखा तो लेखक ने बताया कि यह आखरी चूड़ी थी।जो कि जमींदार साहब की बेटी के विवाह के अवसर पर बदलू ने बनाया था।जमींदार उस चूड़ी के बदले उसे दस आने पैसे देना चाहता था, लेकिन बदलू ने उसे चुङी नहीं दी, क्योंकि वह बहुत कम कीमत थी।इसी बात से पता चलता है कि बदलू में हार कर भी हार नहीं माना,और इस बात की पुष्टि लेखक को बदलू के बेटी के हाथों में लाख की चूड़ियां पहन कर देखकर पता चला।

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