बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी, जो लेखक से छिपी न रह सकी?
NCERT Class 8th: हिंदी वसंत भाग- III पाठ 2 लाख की चूड़ियाँ
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बदलू लाख की चूड़ियाँ बेचा करता था परन्तु जैसे-जैसे काँच की चूडियों का प्रचलन बढ़ता गया उसका व्यवसाय ठप पड़ने लगा। अपने व्यवसाय की यह दुर्दशा बदलू को मन ही मन कचौटती थी। बदलू के मन में इस बात कि व्यथा थी कि मशीनी युग के प्रभावस्वरुप उस जैसे अनेक कारीगरों को बेरोजगारी और उपेक्षा का शिकार होना पड़ा है। अब लोग कारीगरी की कद्र न करके दिखावटी चमक पर अधिक ध्यान देते हैं। यह व्यथा लेखक से छिपी न रह सकी।
बदलू के मन में ऐसी कौन-सी व्यथा थी, जो लेखक से छिपी न रह सकी?
बबलू के मन वह व्यथा लेखक से छुपी न रह सकी, जिसमें लाख की चूड़ियों की बिक्री और प्रचलन कम हो गया था।
बदलू लाख की चूड़ियां बनाने में माहिर था और उसके द्वारा बनाई गई लाख की चूड़ियां उसके गांव और आसपास के गांव में बेहद प्रसिद्ध। कोई भी ऐसा घर नहीं था, जहां उसकी बनाई लाख की चूड़ियां नहीं पहनी जाती हों।
लेकिन समय बदलते ही कांच की चूड़ियों का प्रचलन बढ़ने लगा और बदलू की लाख की बनी चूड़ियों की मांग कम होने लगी।
बदलू इस बदलाव के साथ स्वयं को आगे नहीं बढ़ा सका। यह उसके मन की व्यथा रही, क्योंकि उसका रोजगार पूरी तरह चौपट हो चुका था।
लेखक जोकि कि बचपन में बबलू के पास आकर बैठता था उसके उससे बदलू के मन की यह व्यथा छुपी न रह सकी।
#SPJ3
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पाठ में सुहाग का जोड़ा' किसे कहा गया है ?
O (क) दूल्हे के कपड़े
O (ख) मिट्टी के बरतन
O (ग) लाख की चूडियों को
O (घ) कपड़ो को