Hindi, asked by sonam1808, 4 months ago

बदलू का व्यक्तित्व कांच की चूड़ियों जैसा ना था कि आसानी से टूट जाए इस कथन को उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए

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Answered by Anonymous
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Answer:

मुझे प्रसन्नता हुई कि बदलू ने हारकर भी हार नहीं मानी थी। उसका व्यक्तित्व काँच की चूड़ियों जैसा न था कि आसानी से टूट जाए। ... क्योंकि काँच की चूड़ियों का प्रचलन होने से भले उसने लाख की चूड़ियों का काम बंद कर दिया लेकिन काँच की चूड़ियाँ बेचने का काम शुरू न किया। उसने अपने मन की व्यथा को अपने मन में ही रखा।

Answered by hiijugvhnj
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Answer:

बदलू का व्यक्तित्व कांच की चूड़ियों जैसा ना था कि आसानी से टूट जाए क्यूंकि वह अटल सभाव का था

Explanation:

मर्क् अस् ब्रैन्लिस्त्

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