बदल रही है सरकार विद्यालयों की दशा पर एक आलेख लिखिए
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सरकारी स्कूल की जो छवि आम जनमानस में बनती है उसके लिए शिक्षकों को जिम्मेदार माना जाता है। शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर शिक्षक ही निशाने पर होते हैं। लेकिन अब बनारस के बनारस के प्राइमरी और जूनियर स्कूल के कुछ युवा शिक्षक इस छवि को तोड़ने की कोशिश में हैं। अध्यापन के घिसे-पिटे तरीकों से हट कर नई तकनीकी का सहारा लिया। यही नहीं उन्होंने स्कूलों के परिवेश को भी बदला है।
इन शिक्षकों ने किताब-कापी से हटकर बच्चों को रोचक ढंग से पढ़ाने की कोशिश की है। इसके लिए स्मार्ट फोन, प्रोजेक्टर, वीडियो, चित्र, पेटिंग आदि की मदद ली है। जैसे प्राथमिक विद्यालय भिठारी के शिक्षक रवींद्र कुमार ने अंग्रेजी वर्णमाला का ज्ञान कराने के लिए जमीन पर लूडो के आकार में 26 खाने बनाए। हर खाने में अंग्रेजी के एक अक्षर को चाक से लिखा गया। अक्षरों को ऐसे लिखा गया कि वह बिना क्रम के रहें और बच्चों को खोजने में कुछ समय लगे। प्राथमिक विद्यालय गंगापुर की शिक्षिका तूबा आसिम कक्षा 7 के बच्चों को अंग्रेजी की कविता को रुचिकर बनाने के लिए रेडियो और माइक से अभ्यास कराती हैं।
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Answer:
same as the above one।।।।।।।।