बदलने की छमता ही बुधिमता का माप है का निबंध 2000 सब्दो में
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badalne ki Samta Buddhi Mata
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"बदलने की क्षमता ही बुद्धिमत्ता की माफ है"
हर कोई जिन्दगी में कुछ ना कुछ गलती करता ही है। परंतु इसका मतलब यह नहीं कि हम अपनी गलती से ना सीखे और फिर गलती करते ही रहे। एक व्यक्ति को अपनी गलती से सीख लेनी चाहिए और उसके हिसाब से अपने आप को बदलना चाहिए। जीवन में अभिज्ञात और भूल से हमें अनुशीलन मिलता है।
एक मनुष्य अपने भूल से ही सीख ले कर और बदल कर जीवन में आगे बढ़ता है। कोई भी जो अपने आप को बदल ना पाए वह व्यक्ति कभी भी बुद्धिमत्ता की परिचय नहीं देता। विशेष विज्ञानी अल्बर्ट आइंस्टाइन ने ऐसा कहा है कि बदलने की क्षमता ही बुद्धिमत्ता की माफ है और यह बात एकदम सही है।
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