Hindi, asked by Sukhdeep9018, 1 year ago

बदलने की क्षमता ही बुध्दिमता का माप निबध

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Answered by Anonymous
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बदलने की क्षमता ही बुद्धिमता का माप है

बदलने की क्षमता ही बुद्धिमता का माप है यह कथन शत प्रतिशत सत्य है।

क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है। यह संसार परिवर्तन से ही चलती है परिवर्तन होते होते ही मानव का जन्म हुआ है। परिवर्तन से ही यह ब्रह्मांड बनी है। आरंभ में पृथ्वी जलते हुए गोले की तरह थी किंतु इसमें धीरे-धीरे परिवर्तन होते गया और और इसमें इतना परिवर्तन हुआ कि अब इस पर जीवन संभव है और इतने सारे जीवित पशु पक्षी प्राणी यहां जीवन यापन कर रहे हैं यहां मौजूद हैं।

इसलिए यह कहना बहुत मुख्य बात है कि बदलने की क्षमता ही बुद्धिमता का माप है।

हमें पुराने रीति रिवाज पुराने रूढ़िवादी बातों रूढ़िवादी चीजों और सारी ऐसी क्रियाकलाप जो कि मानव जाति को प्रभावित करती है और इसका परिणाम बुरा होता है हमें वह सब बदलना चाहिए।

समय के साथ बहुत सारी चीजें बदल रही है इसलिए हमें भी बदलना चाहिए। इतने सारे आविष्कार हो रहे हैं। हमारी बुद्धिमत्ता मत आया है कि अध्ययन, ज्ञान और बुद्धि और ज्ञानी लोगों की सलाह से हम सारे चीज में परिवर्तन कर सकते।

हमें पुरानी पद्धति छोड़नी चाहिए और एक विकासशील समाज बनाना चाहिए।

अगर एक गांव पुराना है तो उसे बदलकर एक आधुनिक गांव बनाया जा सकता है। इसमें परिवर्तन करने से उसमे साक्षरता आएगी और सारे लोग शिक्षित होंगे । वहां बहुत सारी उद्योग खुलेंगे और लोग जागरूक होंगे। जिसके कारण उनकी जीविका में बढ़ोतरी होगी और वह नए-नए चीज जानने को अग्रसर होंगे जिनसे उनमें साक्षरता बढ़ेगी।

हमें अपनी देश में बहुत परिवर्तन करना चाहिए क्योंकि अभी भी बहुत राज्यों में पुरानी चीजों की मान्यता है । अपनी जगह पर है किंतु परिवर्तन से हम उसे एक आधुनिक राज्य बना सकते हैं और आधुनिक राज्य बनने से सारे लोग साक्षर बनेंगे ।

उनमें शिक्षा पद्धति की उन्नति होगी । और अपने बच्चों को शिक्षा देने में वह पीछे नहीं हटेंगे। जिसके कारण हमारा देश ऊंचा होगा।

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