बदलते दुनिया में पीछे छूटे जीवन मूल्य इस विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए
Answers
Explanation:
किसी भी इंसान के जीवन में मूल्यों का अहम योगदान रहता है क्योंकि इन्हीं के आधार पर अच्छा-बुरा या सही-गलत की परख की जाती है। इंसान के जीवन की सबसे पहली..
किसी भी इंसान के जीवन में मूल्यों का अहम योगदान रहता है क्योंकि इन्हीं के आधार पर अच्छा-बुरा या सही-गलत की परख की जाती है। इंसान के जीवन की सबसे पहली पाठशाला उसका अपना परिवार ही होता है और परिवार समाज का एक अंग है। उसके बाद उसका विद्यालय, जहां से उसे शिक्षा हासिल होती है। परिवार, समाज और विद्यालय के अनुरूप ही एक व्यक्ति में सामाजिक गुणों और मानव मूल्यों का विकास होता है। प्राचीन काल के भारत में पाठशालाओं में धार्मिक शिक्षा के साथ मूल्य आधारित शिक्षा भी जरूरी होती थी। लेकिन वक्त के साथ यह कम होता चला गया और आज वैश्वीकरण के इस युग में मूल्य आधारित शिक्षा की भागीदारी लगातार घटती जा रही है। सांप्रदायिकता, जातिवाद, हिंसा, असहिष्णुता और चोरी-डकैती आदि की बढ़ती प्रवृत्ति समाज में मूल्यों के विघटन के ही उदाहरण हैं।
pls follow tannuranna 59 in the following
Answer:
बदलती दुनिया मैं पीछे छूट से जीवन मूल्य पर 180 से 200 सब्दो का अनुच्छेद
वर्तमान समय में बदलती दुनिया मैं थोड़ा पीछे छूट गया हूँ | जीवन के बहुत की मूल्य चीजों से पीछे छूट गया हूँ| परंतु मैंने इस समय में हार नहीं मानी | मैंने हिम्मत नहीं छोड़ी| आज के समय में थोड़ा पीछे हो रहा हूँ , लेकिन मैं हार के बैठा नहीं हूँ| मैंने सोच कर हिम्मत रखकर आगे बढ़ रहा हूँ|
मैंने इस बदलती दुनिया में बहुत से कामों से , अपने सपनों से पीछे छूट गया हूँ, परंतु मैनें अपनी नैतिकता और अपने मूल्यों को नहीं छूटने दिया| इस समय में जिन लोगों को जरूरत थी , मैंने उनकी मदद की है| यह सब से अच्छी बात है कि मैंने अपनी इंसानियत को नहीं खोया| मैंने करोना योद्धा बन कर आगे बढ़ता रहा| अपने परिवार का सहारा बना|
यह सत्य महामारी के कारण हम सब पीछे हो गए है| स्कूल , दफ्तर , बहुत कुछ बंद है| सब जगह बेरोजगारी आ गई है| हम सब को आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ना है| हमें इस बीमारी को हराना होगा| जो कुछ पीछे छूट गया , उस एक दिन फिर से वापिस पाना होगा| बदलती दुनिया में जो पीछे छूट गया उसे जाने दो आने वाले समय के लिए आत्मनिर्भर हो कर आगे बढ़ो|
Explanation: