बदलती दुनिया मैं पीछे छूट से जीवन मूल्य पर 180 से 200 सब्दो का अनुच्छेद
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बदलती दुनिया मैं पीछे छूट से जीवन मूल्य पर 180 से 200 सब्दो का अनुच्छेद
वर्तमान समय में बदलती दुनिया मैं थोड़ा पीछे छूट गया हूँ | जीवन के बहुत की मूल्य चीजों से पीछे छूट गया हूँ| परंतु मैंने इस समय में हार नहीं मानी | मैंने हिम्मत नहीं छोड़ी| आज के समय में थोड़ा पीछे हो रहा हूँ , लेकिन मैं हार के बैठा नहीं हूँ| मैंने सोच कर हिम्मत रखकर आगे बढ़ रहा हूँ|
मैंने इस बदलती दुनिया में बहुत से कामों से , अपने सपनों से पीछे छूट गया हूँ, परंतु मैनें अपनी नैतिकता और अपने मूल्यों को नहीं छूटने दिया| इस समय में जिन लोगों को जरूरत थी , मैंने उनकी मदद की है| यह सब से अच्छी बात है कि मैंने अपनी इंसानियत को नहीं खोया| मैंने करोना योद्धा बन कर आगे बढ़ता रहा| अपने परिवार का सहारा बना|
यह सत्य महामारी के कारण हम सब पीछे हो गए है| स्कूल , दफ्तर , बहुत कुछ बंद है| सब जगह बेरोजगारी आ गई है| हम सब को आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ना है| हमें इस बीमारी को हराना होगा| जो कुछ पीछे छूट गया , उस एक दिन फिर से वापिस पाना होगा| बदलती दुनिया में जो पीछे छूट गया उसे जाने दो आने वाले समय के लिए आत्मनिर्भर हो कर आगे बढ़ो|
वर्तमान समय में बदलती दुनिया मैं थोड़ा पीछे छूट गया हूँ | जीवन के बहुत की मूल्य चीजों से पीछे छूट गया हूँ| परंतु मैंने इस समय में हार नहीं मानी | मैंने हिम्मत नहीं छोड़ी| आज के समय में थोड़ा पीछे हो रहा हूँ , लेकिन मैं हार के बैठा नहीं हूँ| मैंने सोच कर हिम्मत रखकर आगे बढ़ रहा हूँ| मैंने इस बदलती दुनिया में बहुत से कामों से , अपने सपनों से पीछे छूट गया हूँ, परंतु मैनें अपनी नैतिकता और अपने मूल्यों को नहीं छूटने दिया| इस समय में जिन लोगों को जरूरत थी , मैंने उनकी मदद की है| यह सब से अच्छी बात है कि मैंने अपनी इंसानियत को नहीं खोया| मैंने करोना योद्धा बन कर आगे बढ़ता रहा| अपने परिवार का सहारा बना. यह सत्य महामारी के कारण हम सब पीछे हो गए है| स्कूल , दफ्तर , बहुत कुछ बंद है| सब जगह बेरोजगारी आ गई है| हम सब को आत्मनिर्भर होकर आगे बढ़ना है| हमें इस बीमारी को हराना होगा| जो कुछ पीछे छूट गया , उस एक दिन फिर से वापिस पाना होगा| बदलती दुनिया में जो पीछे छूट गया उसे जाने दो आने वाले समय के लिए आत्मनिर्भर हो कर आगे बढ़ो|