Hindi, asked by tanuagrawal880, 10 months ago

budhi kaki me vyakt ki samasya ko aaj ke sandarbh me vyakt kare​

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Answered by bhatiamona
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Answer:

'बूढ़ी काकी' कहानी मुंशी प्रेमचन्द के द्वारा लिखी है |

यह एक कहानी  'बूढ़ी काकी' और उसके गोद लिए हुए भतीजे और बहु की है जो 'बूढ़ी काकी' पर चिलाते रहते और खाना समय से नहीं देते थे |  

इस कहानी में रूपा स्वभाव से तीव्र थी सही, पर ईश्वर से डरती थी।  रूपा स्वभाव से गुस्से  वाली थी , बात-बात पर  चिलाती थी |  

आज के समय में हर घर में 'बूढ़ी काकी' जैसी कहानी है | आज के बच्चे अपने बुज़ुर्ग माता-पिता का ध्यान नहीं रखते , उन्हें अपना समय नहीं देते है | घर में अकेले छोड़ कर अपने काम पर चले जाते है | बहुत से लोग तो उन्हें वृद्धाश्रम में छोड़ देते है | अपने बच्चे ही अपने हो कर माता-पिता का ध्यान नहीं रखते है |  

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