Budhiman shasak ke shasan mein hi praja sukhi rehti hai iss vishay per apne vichaar
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बुद्धिमान शासक के शासन में ही प्रजा सुखी रहती है
जब किसी देश की उन्नति के बारे में बात करते हैं तो सबसे पहले हमारा ध्यान उनके संचालनकर्ता पर जाता है चाहे वो किसी भी देश की बात हो I
हम पुराने समय से लेकर अब तक की बात करे तो हमें हमेशा यही नज़र आएगा जिस भी जगह अगर सही निर्माण हुआ देश का तो उसका सारा श्रेया सिर्फ और सिर्फ उस राजा को जाता है जिसने उसे भली भाँती समझा,परखा और उसी हिसाब से निर्माण कियाI
जिस जगह के शासक यानी राजा हो या प्रधानमन्त्री या प्रेसिडेंट उनकी सोच ऊँची होगी या जो हर प्रजा को अपना समझ के देखेंगे उनको प्रजा हमेशा ही प्रसन्न रहेगी I
हम पुराने समय की बात ले लें पोरस जो कि पौरव राष्ट्र का राजा था उन्होंने प्रजा को संतुष्ट रखने के लिए क्या नहीं किया उनकी हर जरूरतों को बिना बोले पूरा किया I वह एक समझदार और नेक दिल इंसान थे जो सभी के बातों को महत्व देते थे Iवहीँ दूसरी ओर अगर हम बात करें सिकंदर की तो वो शासक तो अच्छा था किन्तु बहुत ही क्रूर और स्वार्थी था I इस वजह से प्रजा भी दुखी रहती थी Iतो बात ये नहीं होती की आप सिर्फ शासक हैं उसके साथ ज़रूरी होता है प्रजा के साथ का मेलजोल Iजो शासक बुद्धिमान होता है उसे किसी भी तरह की चिंता करने की आवश्यकता नहीं पड़ती क्योंकि वो पहले ही सुनिश्चित कर लेते हैं की उन्हें क्या करना है I
हम आज के दौर की बात करें तो जापान सबसे ज्यादा तरक्की पे है क्यूंकि यहाँ शासन ही ऐसा कुछ है Iहमारे देश में यानी भारत में लोगों को भी जागरूकता की आवश्यकता है Iभ्रष्टाचार के साथ साथ लोगों की मानसिकता को भी दूर करना अनिवार्य है
परन्तु हाँ आज के समय में हमारा देश भी कुछ कम नहीं हर गरीब की रोजी रोटी पे ध्यान दिया जा रहा है Iलड़कियों को शिक्षा दी जा रही है Iइससे हमारे देश में शिक्षा का स्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है I इस मजबूत कदम से हर प्रजा सुखी हो रही है Iजहाँ पहले गाँव घरों में शौच के लिए बहार जाते थे लोग वहीँ अब हर जगह शौचालय बनाया जा रहा है Iइस बात से ये हम अवश्य शासक की बुद्धिमानी कि दाद देंगे I इस प्रकार हमारा देश भी साफ़ सुथरा रहेगा और शासक भी प्रसन्न I
अतः मैं यह कहना चाहूंगी कि
हर कदम कदम पे तू हे ! शासक गीत अपना तू गाता चल
हमें भी ले ले तू साथ अपने गीत यूँ ही गुनगुनाता चल II