बड़ी बहू के मुंह से अपमानित बातें सुनकर लखन ने क्या किया
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Answer:
बड़ी बहू के मुंह से अपना अपमानित बातें सुनकर लखन ने उन्हें मार दिया
Answer:
RBSE Solution for Class 10 Hindi क्षितिज Chapter 2 तुलसीदास
May 20, 2019 by Prasanna Leave a Comment
Rajasthan Board RBSE Class 10 Hindi क्षितिज Chapter 2 तुलसीदास
RBSE Class 10 Hindi Chapter 2 पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
RBSE Class 10 Hindi Chapter 2 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
1. ‘भृगुसुत’ से तात्पर्य है
(क) परशुराम
(ख) विश्वामित्र
(ग) लक्ष्मण
(घ) राम।
2. ‘रघुकुले भानु’ संज्ञा किस पात्र के लिए आया है
(क) राम
(ख) लक्ष्मण
(ग) विश्वामित्र
(घ) परशुराम।
उत्तर:
1. (क),
2. (क) ।
RBSE Class 10 Hindi Chapter 2 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 3.
शिव धनुष भंग होने पर कौन कुपित हुआ?
उत्तर:
शिव के धनुष के भंग होने पर परशुराम कुपित हुए।
प्रश्न 4.
प्रसंग में ‘गाधिसूनु’ किसके लिए प्रयोग किया गया है ?
उत्तर:
प्रसंग में गाधिसूनु विश्वामित्र के लिए प्रयोग किया गया है।
प्रश्न 5.
परशुराम लक्ष्मण को मंदबुद्धि क्यों कह रहे हैं?
उत्तर:
लक्ष्मण अपने व्यंग्यपूर्ण वचनों से परशुराम को क्रोधित करके, अपने कुल का विनाश करा सकते हैं। इस कारण परशुराम उन्हें मंदबुद्धि बता रहे हैं।
प्रश्न 6.
जनक दरबार में बैठी सभा ‘हाय-हाय’ क्यों करने लगी?
उत्तर:
लक्ष्मण के अपमानजनक कटुवचनों से क्रुद्ध होकर, उन्हें मारने के लिए जब परशुराम ने अपना फरसा हाथ में लिया तो सभा रक्तपात के भय से हाय-हाय करने लगी।
RBSE Solution for Class 10 Hindi क्षितिज Chapter 2 तुलसीदास
प्रश्न 7.
शिव धनुष भंग होने पर परशुराम क्यों कुपित हो रहे थे ?
उत्तर:
महाराज जनेक द्वारा आयोजित धनुष यज्ञ में जिस धनुष को राम ने तोड़ा, वह परशुराम के गुरु भगवान शिव का धनुष था। गुरु के धनुष के तोड़े जाने को परशुराम ने गुरु का अपमान माना। इसी कारण परशुराम अत्यन्त कुपित थे और धनुष को तोड़ने वाले को शत्रु के समान मानते हुए, उसे दण्ड देना चाहते थे।
प्रश्न 8.
शिव का धनुष कैसे टूट गया था?
उत्तर:
लक्ष्मण के अनुसार वह धनुष बहुत पुराना और जीर्ण (कमजोर) था। राम ने तो उसे नया समझकर, उस पर डोरी चढ़ाकर और उसे खींचकरं परखना चाहा था, किन्तु वह तो राम के छूने मात्र से ही टूट गया। राम का उसे तोड़ने का कोई इरादा नहीं था।
प्रश्न 9.
“इहाँ कुम्हड़बतिया कोउ नाहीं” पंक्ति से लक्ष्मण की कौन-सी विशेषता का पता चलता है ?
उत्तर:
परंशुराम लक्ष्मण को डराने के लिए बार-बार फरसा दिखा रहे थे और धमका रहे थे। लक्ष्मण ने इस पंक्ति द्वारा परशुराम को बता दिया कि वह उनकी धमकियों से डरने वाले व्यक्ति नहीं हैं। इस पंक्ति से ज्ञात होता है कि लक्ष्मण एक निर्भीक वीर पुरुष हैं। उन्हें कोई गर्जन-तर्जन करके दबा अथवा डरा नहीं सकता।
प्रश्न 10.
लक्ष्मण-परशुराम संवाद प्रसंग’ के आधार पर परशुराम के चरित्र की किन्हीं दो विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
लक्ष्मण-परशुराम संवाद प्रसंग’ में परशुराम के चरित्र की दो प्रमुख विशेषताएँ परिलक्षित होती हैं-उनका क्रोधी होना और आत्मप्रशंसा करना। वह स्वयं कहते हैं कि वह अकरुण और क्रोधी हैं। राजसभा में आते ही वह राम को, राजाओं को और लक्ष्मण को धमकाना आरम्भ कर देते हैं। वह अपनी वीरता और विजयों को अपने ही मुख से बार-बार बखान करते हैं। लक्ष्मण भी कहते हैं-‘अपने मुँह तुम्ह आपनि करनी। बार अनेक भाँति बहु बरनी।’