बड़े भैया के मरने के बाद ही जैसे सब खेल खत्म हो गया। तीनों भाइयों ने आपस में
लड़ाई-झगड़ा शुरू किया। रैयतों ने जमीन पर दावे करके दखल किया, फिर तीनों भाई गाँव छोड़क
शहर में जा बसे, रह गई बड़ी बहुरिया-कहाँ जाती बेचारी!सप्रसंग व्याख्या कीजिए
Answers
Answer:
बड़े भैया के मरने के बाद ही जैसे सब खेल खत्म हो गया। तीनों भाइयों ने आपस में लड़ाई-झगड़ा शुरू किया। रैयतों ने ज़मीन पर दावे करके दखल किया, फिर तीनों भाई गाँव छोड़कर शहर में जा बसे, रह गई बड़ी बहुरिया - कहाँ जाती बेचारी ! भगवान भले आदमी को ही कष्ट देते हैं।
Explanation:
Step : 1 हरगोबिन को अचरज हुआ-तो, आज भी किसी को संवदिया की ज़रूरत पड़ सकती है! इस ज़माने में, जबकि गांव-गांव में डाकघर खुल गए हैं, संवदिया के मार्फत संवाद क्यों भेजेगा कोईगाँववालों के मन में अवधारणा है कि संवदिया एक कामचोर, निठल्ला तथा पेटू आदमी होता है, जिसके पास कोई काम नहीं होता, वह संवदिया बन जाता है।
Step : 2 बड़ी बहुरिया आंच के खूंट से पांच रूपए का एक गन्दा नोट निकालकर बोली, ''पूरा राह खर्च भी नहीं जुटा सकी। आने का खर्चा मां से मांग लेना। उम्मीद है, भैया तुहारे साथ ही आवेंगे।''बड़ी बहुरिया के लिए मायके ही वह स्थान रह गया था, जहाँ वह आश्रय की उम्मीद पा सकती थी। अतः वह अपने घरवालों को अपनी दशा बताने के लिए यह संदेश भेजना चाहती थी। उसका संदेश सुनकर वह चाहती थी कि मायके वाले उसे लेने आ जाएँ।
Step : 3 सका अर्थ है कि संवदिया जिनका संवाद लेकर जाता है और जिसको संवाद देता है, उस घर में बहुत आवभगत होती है। अतः वह घरों में मज़े से खाता है और यात्रा की थकान उतारने के लिए आराम से सोता है। यही उसका काम है। संवदिया होने के नाते अपनी आवभगत करवाना और विश्राम करना उसका अधिकार है।
To learn more about similar questions visit:
https://brainly.in/question/42715365?referrer=searchResults
https://brainly.in/question/42715365?referrer=searchResults
#SPJ3