बड़े- बड़े कल कारखाने बेशुमार धुआँ उगलते हैं । उनके कारण वायु प्रदूषण बढ़ गया है | कारखानों से
लगातार कचरे निकल रहे है जो प्राय: जलाशयों में प्रवाहित कर दिए जाते है | कहीं- कहीं खुली भूमि में भी
कचरे डाले जाते है । इन कचरों में बहुत तरह के जहरीले रसयान होते हैं | जो हवा, पानी और भूमि को
दूषित करते हैं। हमारे पूर्वज वायुमंडल की शुद्धता को बनाए रखने के लिए हवन करते थे और पेड़ों को
काटने की अपेक्षा लगाने पर जोर देते थे | वेदों में सूर्य , पवन और वरुण आदि कि स्तुति के लिए सुंदर
मंत्र है और प्रकृति की सुंदरता का मनोरम वर्णन है। किन्तु आधुनिक मानव ने प्रदूषण की मात्रा इतनी
बढ़ा दी है कि लगता है कि एक दिन यह सुंदर सलोनी धरती , जिसके बारे में वैज्ञानिक मानते रहे हैं कि
असंख्य तारा मंडलों में केवल हमारी पृथ्वी पर ही जीवन है ,वह भी बढ़ते हुए प्रदूषण के कारण ,आगामी
कुछ वर्षों में जीवन रहित हो सकती है |
निम्नलिखित में से निर्देशानुसार सर्वाधिक उपयुक्त विकल्पों का चयन कीजिए
(i) इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है ?
(क) वैज्ञानिक
(ख) सुंदर- सलोनी धरती
(ग) पर्यावरण प्रदूषण
(घ) आधुनिक मानव
(ii) वायु प्रदूषण क्यों बढ़ रहा है ?
(क) कल-कारखानों से निकलने वाले बेशुमार धुएँ के कारण
(ख) पेड़ पौधों के कारण
(ग) जनसंख्या विस्फोट के कारण
(घ) नदियों के कारण
(iii) हमारे पूर्वज वायुमंडल की शुद्धता के लिए क्या करते थे ?
(क) वैज्ञानिक उपकरणों का प्रयोग नहीं करते थे
(ख) पेड़ों को काटने की अपेक्षा लगाने पर जोर देते थे
(ग) सीधा सरल जीवन जीते थे
(घ) आपस में मिलजुल कर रहते थे
(iv) वेदों में प्रकृति की सुंदरता का मनोरम वर्णन क्यों किया गया है?
(क) मनोरंजन के लिए
(ख) संस्कृत पढ़ना तथा लिखना सीखे
(ग) सूर्य , पवन और वरुण आदि कि स्तुति के लिए
(घ) वैज्ञानिक के लिए
(v) कारखानों से निकलने वाले जहरीले रसायनों को जलाशयों में प्रवाहित करने का क्या परिणाम
हुआ है?
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Sorry I need points sorry thanks
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keep in English I will answer it
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