बड़े होते बच्चे किस प्रकार माता-पिता के सहयोगी हो सकते हैं और किस प्रकार भार? कामचोर कहानी के आधार पर अपने विचार व्यक्त कीजिए। please answer this question in 4-5 lines. Not more than that. Please answer fast
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बडे होते बच्चे यदि माता-पिता को छोटे-मोटे कार्यों में मदद करें तो वे उनके सहयोगी हो सकते हैं।
यदि हम बच्चों को उनका कार्य करने की सीख नहीं देते तो वह सहयोग के स्थान पर माता-पिता के लिए भार ही साबित होंगे। उनके बड़ा होने पर उनसे कोई कार्य कराया जाएगा तो वह उस कार्य को भली-भांति करने के स्थान पर तहस-नहस ही कर देंगे, जैसे की कामचोर लेख पर बच्चों ने सारे घर का हाल कर दिया था। इसलिए माता-पिता को बच्चों को उनके स्वभाव के अनुसार, उम्र और रूचि ध्यान में रखते हुए काम कराना चाहिए। जिससे बचपन से ही उनमें काम के प्रति लगन तथा रूचि उत्पन्न हो न कि ऊब। और उनके सहयोगी हो सके।
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यह पूर्ण रुप से सत्य है कि बड़े होते बच्चे माता पिता के सहयोगी हो सकते हैं। वे मां-बाप के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आज के इस भौतिकवादी युग में बढ़ती महंगाई का सामना कर सकते हैं। परिवार में लिए जाने वाले निर्णयों में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। वे घर की आर्थिक दशा सुधारने के साथ साथ घर में सामंजस्य और प्यार का वातावरण स्थापित करने में सहायक हो सकते हैं। वे परंपरा और आधुनिक तकनीक के बीच सेतु बनकर एकजुटता लाने का प्रयास कर सकते हैं। माता-पिता के अनुभव और अपनी मेहनत को एक साथ मिलाकर उनका बोझ हल्का कर सकते हैं। लेकिन यदि बच्चे अपनी जिम्मेदारियों से भागते हैं तो वे माता-पिता के लिए भार बन जाते हैं ।अपने हर काम के लिए माता-पिता पर निर्भर रहने वाले बच्चे भार की तरह ही होते हैं।
अच्छा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।
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