Hindi, asked by akashec17, 1 month ago

'बड़ा रस है न निन्दा में।​

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Answered by XxAnityaxX
0

Sorry mam/sir I am doing for points please mark me a brainlist if you will mark then I pray that God will keep happy always

Answered by heenasharif51
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Answer:

मिशनरी निन्दक से लेखक का तात्पर्य उन निंदकों से है जो पूरी पवित्र भावना से निन्दा के कार्य में लगे रहते हैं। उनका किसी से वैर नहीं, द्वेष नहीं। वे किसी का बुरा नहीं सोचते। पर चौबीसों घंटे वे निंदा कार्य में बहुत पवित्र भाव से लगे रहते हैं।

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